पुलिसकर्मियों पर गोली चलाने वाला कुख्यात बदमाश 2 साल बाद गिरफ्तार
डीसीपी स्पेशल सेल प्रमोद सिंह कुशवाहा के मुताबिक नसीम मूलरूप से गांव गुवारका, नूंह का रहने वाला है। इसके खिलाफ दिल्ली व हरियाणा में लूटपाट, डकैती, पुलिसकर्मियों पर फाय¨रग करने, पशु तस्करी व चोरी, हत्या के प्रयास, पेट्रोल पंप लूट आदि के 30 से अधिक संगीन आपराधिक मामले दर्ज हैं। दो साल से दो राज्यों की पुलिस इसकी तलाश कर रही थी। पिछले साल मार्च में तीस हजारी कोर्ट की महानगर दंडाधिकारी नीति सूरी मिश्रा ने तिमारपुर में पुलिसकर्मियों पर गोलियां चलाने के मामले में भगौड़ा घोषित कर दिया था।
वर्ष 2012 में गुरुग्राम जेल से रोहतक के एक मामले में कोर्ट में पेश करने के बाद पुलिस जब जेल वैन से नसीम को वापस गुरुग्राम ले जा रही थी तब झज्जर के पास विरोधी गिरोह के बदमाशों ने जेल वैन पर अटैक कर नसीम की हत्या करने की कोशिश की थी। कई गोलियां लगने के बावजूद नसीम बच गया था। 2019 व 2020 में नसीम पशु तस्करी व हत्या के प्रयास समेत नूंह में पुलिसकर्मियों पर फायरिंग के मामले में भी नसीम वांछित था। 2018 में फरीदाबाद में पशु तस्करी के मामले में भी यह वांछित था। 12 नवंबर को हवलदार साजिद खान को सूचना मिली कि तिमारपुर में पुलिसकर्मियों पर गोलियां चलाने के मामले में वांछित नसीम किसी साथी से मिलने गुरुग्राम के एमजीएफ मॉल के पास आने वाला है।
एसीपी अतर सिंह, इंस्पेक्टर ईश्वर सिंह व आलोक वाजपेई के नेतृत्व में एसआइ आदित्य, संजीव, हवलदार साजिद खान व नवीन की टीम ने उसे दबोच लिया। एक सितंबर 2018 को नसीम व उसके छह साथियों द्वारा तिमारपुर में गाय चोरी कर भागने के दौरान पीसीआर द्वारा पीछा करने पर वजीराबाद फ्लाई ओवर पर बदमाश पुलिसकर्मियों पर गोलियां चलाते हुए फरार हो गए थे। एक सप्ताह के दौरान दिल्ली पुलिस ने नसीम गिरोह के दो बदमाश मुबारिक उर्फ मुब्बी व इरफान गेडू को गिरफ्तार कर लिया था। नसीम व उसके चार साथियों को पुलिस नहीं पकड़ पाई थी। 2010 में नसीम ने तीन अन्य साथियों के साथ मिलकर महिंद्रा पार्क में गन प्वाइंट पर सिंधु पेट्रोल पंप के कैशियर से 40 हजार लूट लिए थे।
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