श्री लक्ष्मी पूजा महासमिति के नेतृत्व में हुआ प्रतिमाओं का विसर्जन

जौनपुर। ज्योति पर्व दीपावली के मद्देनजर धनतेरस को स्थापित धन देवी मां लक्ष्मी, अग्रदेव श्री गणेश एवं विद्या देवी मां सरस्वती की प्रतिमाएं सोमवार को नगर के नखास स्थित विसर्जन घाट पर बने शक्ति कुंड में विसर्जित कर दी गई। यह विसर्जन श्री लक्ष्मी पूजा महासमिति जौनपुर के नेतृत्व में संपन्न हुआ, जहां तमाम प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारी सहित जवान भी मौजूद रहे। वर्तमान में कोरोना महामारी को देखते हुए सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन करते हुए आज चार दिवसीय अनुष्ठान का समापन हुआ। दो दर्जन से अधिक प्रतिमाओं का विसर्जन के मद्देनजर श्री लक्ष्मी पूजा महासमिति जौनपुर के संरक्षक मंडल सहित तमाम पदाधिकारी व कार्यकर्ता अपने कर्तव्यों का निर्वहन किये। नगर के विभिन्न मोहल्लों में बने अस्थाई पंडाल से सभी प्रतिमाएं विसर्जन घाट की ओर प्रस्थान की। शोभायात्रा में शामिल भक्तगण जयकारे लगाते हुए विसर्जन घाट की तरफ बढ़ते रहे। विसर्जन समारोह के मुख्य अतिथि राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष व महासमिति के संरक्षक राकेश श्रीवास्तव और विशिष्ट अतिथि जिला उद्योग व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष श्रवण जायसवाल ने वर्तमान महामारी को देखते हुए शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुये कार्यक्रम की सराहना किया। साथ ही महासमिति से जुड़े सभी लोगों के कार्यों की प्रशंसा की। इस अवसर पर महासमिति के अध्यक्ष चंद्रशेखर निषाद उर्फ बबलू और महासचिव लाल बहादुर यादव उर्फ नेपाली ने मुख्य एवं विशिष्ट अतिथि सहित प्रशासनिक एवं पुलिस विभाग के अलावा नगर पालिका के सहयोग के प्रति आभार जताया। इस अवसर पर जहां संरक्षक मंडल के सदस्य डा. राम नारायण सिंह, रामजी जायसवाल का आशीर्वाद मिला। वहीं विसर्जन कार्यक्रम को सम्पन्न कराने में अखिल भारतीय यादव महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश यादव सेना, संतोष यादव, अजीत सोनी, संजय अस्थाना, आशुतोष सिंह सोनू, संजीव यादव, अरशद कुरैशी, शिवचरण निषाद भल्लू, दीपक जायसवाल, नीतिन जायसवाल, रोहित निषाद, बबलू यादव, उमेश कुमार नगर पालिका, संजय शुक्ला सहित तमाम लोगों ने अपना सहयोग प्रदान किया। अंत में महासमिति के संस्थापक सुशील वर्मा एडवोकेट जिनका गत दिवस निधन हो गया, के आकस्मिक निधन पर शोक जताते हुए सभी ने उनको याद किया। वहीं उनके एकमात्र पुत्र विवेक वर्मा ने समस्त आगंतुकों एवं सहयोगियों के प्रति आभार व्यक्त किया।

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