जौनपुर : गुरु का काम है शिक्षा देना ना कि जाति-धर्म में बांटना- अंजुबाला



चंदवक।

                क्षेत्र के कसिली ज्ञानदायिनी शिशु पूर्व माध्यमिक विद्यालय पर दो अध्यापकों के द्वारा दलित छात्रा को जाति सूचक शब्दों के साथ अभद्र व्यवहार का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ जिसकी जानकारी होते ही राज्य अनुसूचित जाति आयोग की टीम शनिवार की सुबह कसिली गांव में पहुंच बच्चो व अभिभावकों से मिल उनका हाल जाना तत्पश्चात ज्ञानदायिनी विद्यालय पहुंच विद्यालय का निरीक्षण किया।इस दौरान विद्यालय में पंखा न होने से अपनी नाराजगी जताते हुए खुद के खर्चे से दो पंखे देने के साथ ही बच्चो के संख्या की जानकारी बीडीओ व एबीएसए से न मिलने पर जमकर फटकार लगाई।


इस बाबत मीडिया से बात करते हुए राज्य अनुसूचित जाति आयोग की सदस्य अंजुबाला ने बताया कि एक वीडियो वायरल हो रहा था समझ आ रहा था कि उस बच्ची के साथ कुछ गलत हुआ है जाति सूचक शब्दो का प्रयोग हुआ है जिससे उस बच्ची के दिल को ठेस पहुंची है। यह वीडियो वायरल हो रहा था कमीशन तक आ गया तो हम तक खबर आ जाती है तो उसे हम लोग तुरंत संज्ञान में ले लेते है हम लोगो ने नोटिस किया कि हमे बच्चियों से मिलना चाहिये हमने सुना है कि बच्चियां स्कूल जाने से कतरा रही है कि फिर से दोबारा हमारे साथ ऐसा कुछ हो सकता है और हमने ये भी जानना चाहा कि क्या ऐसा कुछ हुआ है क्या आज के जमाने में ऐसे मानसिकता वाले लोग है। एक अध्यापक गुरु होता है जो बच्चो को शिक्षा देने का कार्य करता है तो उसके मन में ऐसी बाते तो आनी ही नहीं चाहिए। इन्ही सब बातों को लेकर हम लोगो ने यह बिजिट रखी है बाकी बच्चो से मिलकर आ रही हूं बच्चे थोड़े नर्वस जरूर है मगर भविष्य में ऐसी बाते नहीं होंगी जिस अध्यापक ने यह किया गया उन्हे विद्यालय से हटा दिया गया है जो कार्यवाही होनी है वह होगी क्योंकि अध्यापक का काम है कि बच्चो को अच्छी शिक्षा देना ना कि जाति पाती में बांटना क्योंकि बच्चो की कोई जाति नहीं होती है विद्यालय एक मंदिर है यहां सभी को शिक्षा ग्रहण करने का अधिकार है।

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