महाराष्ट्र में कोरोना तांडव के साथ ही सियासी संकट में घिरी सरकार


मोहम्मद अज़हर
मुम्बई । महाराष्ट्र में सियासी सरगर्मी बढ़ती जा रही है। राज्यपाल बीएस कोश्यारी ने गुरुवार को चुनाव आयोग से गुजारिश की कि वह महाराष्ट्र विधान परिषद की खाली पड़ी नौ सीटों के लिए चुनाव कराने की घोषणा करे। मालूम हो कि उद्धव इस समय किसी भी सदन के सदस्य नहीं है। उन्होंने 28 नवंबर, 2019 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। उन्हें शपथ ग्रहण के छह महीने के भीतर यानी 28 मई तक विधान मंडल के किसी भी सदन का सदस्य बनना है। यदि ऐसा नहीं हो सका तो वह मुख्यमंत्री पद पर नहीं रह सकेंगे। 
राज्‍यपाल की शिफारिश के बाद अब निर्वाचन आयोग ने इस मसले पर कल एक बैठक बुला ली है। इस बैठक में मु‍ख्‍य निर्वाचन आयुक्‍त सुनिल अरोड़ा वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिए भाग लेंगे। गौरतलब है कि महाराष्‍ट्र की कैबिनेट ने उद्धव को राज्यपाल कोटे से विधान परिषद में मनोनयन करने के लिए बीते 28 अप्रैल को सिफारिश की थी। कैबिनेट की ओर से इस आशय की पहली सिफारिश नौ अप्रैल को की गई थी। लेकिन राज्यपाल कोटे से महाराष्ट्र विधान परिषद में मनोनयन का फैसला लटकने पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कल यानी बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन करके मामले में दखल देने की गुहार लगाई थी। उन्‍होंने पीएम मोदी से कहा था कि ऐसे समय जब महाराष्‍ट्र कोरोना की महामारी से जूझ रहा है राजनीतिक स्थिरता ठीक नहीं है। 
अब जबकि राज्‍यपाल की ओर से निर्वाचन आयोग को विधान परिषद की खाली पड़ी सीटों पर चुनाव कराए जाने की गुजारिश कर दी गई है... देखना यह होगा कि निर्वाचन आयोग इस बारे में क्‍या फैसला लेता है। वैसे राज्‍यपाल ने पत्र में निर्वाचन आयोग से कहा है कि राज्‍य में अनिश्चितता की स्थिति को समाप्‍त करने के लिए चुनाव कराना जरूरी हो गया है। ऐसे में जब केंद्र सरकार लॉकडाउन में कई राहतें दी हैं... कुछ निश्चित गाइडलाइंस के आधार पर राज्‍य में चुनाव कराए जा सकते हैं। 
राज्‍यपाल की ओर से स्‍पष्‍ट किया गया है कि चूंकि राज्‍य के मुख्‍यमंत्री उद्धव ठाकरे विधानपरिषद और विधानसभा किसी के सदस्‍य नहीं हैं इसलिए पद पर बने रहने के लिए उन्‍हें 27 मई से पहले दोनों में से किसी से निर्वाचित होना होगा। ऐसे में जब कोरोना संक्रमण के कारण विधानपरिषद के चुनाव स्थगित कर दिए गए हैं। अब पूरा दारोमदार निर्वाचन आयोग पर केंद्रित हो गया है कि वह इस मसले पर क्‍या फैसला लेता है। वहीं महाराष्ट्र कैबिनेट ने अपने नए प्रस्ताव में कहा है कि कोरोना संकट में राजनीतिक अस्थिरता नहीं आनी चाहिए। इसके लिए विधान परिषद की फ‍िलहाल एक खाली सीट पर उद्धव को मनोनीत करने की सिफारिश की जाए। 

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