थाने से फ़ोन आने के बाद विकास बोला आने दो कफ़न में भेजूँगा

थाने से फ़ोन आने के बाद विकास बोला आने दो कफ़न में भेजूँगा
कानपुर के चौबेपुर में हुई मुठभेड़ में आठ पुलिसकर्मियों के शहीद होने के बाद पुलिस एक्शन में है। विकास के साथ रहने वाले असलहाधारी उसके साथी दयाशंकर को पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान पैर में गोली मारी है। दयाशंकर ने पूछताछ में बताया कि जब विकास के पास थाने से किसी का फोन आया था तभी उसने कहा था सभी को कफन में भेजूंगा।
दयाशंकर ने पुलिस को बताया कि विकास के पास रात आठ बजे थाने से किसी का फोन आया था। फोन करने वाले ने विकास को बताया था कि देर रात पुलिस उसके यहां दबिश देकर उसे पकड़ने वाली है। इतना सुनते ही विकास के सिर पर खून सवार हो गया था।
उसी समय विकास ने कहा था आने दो सालों को एक एक को कफन में भेजूंगा। जिसके बाद विकास गांव के बाहर एक बगिया में पूरी घटना की प्लानिंग करने चला गया। जब रात को वो लौटा तो उसके साथ हाईटेक असलहाधारियों की एक फौज थी। उसने सभी को पूरा प्लान बताया और फिर पुलिस के आने का इंतजार करने लगा।
पुलिस टीम को घेरने की तैयारी के लिए ही सबसे पहले बिकरू गांव के मुख्य मार्ग से उसके घर की ओर आने वाली सड़क पर जेसीबी को खड़ा किया गया था। जिससे पुलिस की गाड़ियों को रोका जा सके। बता दें शिवराजपुर एसओ के सिपाही महेश ने बताया था कि जैसे ही जीप से बाहर पैर रखा गया वैसे ही बदमाशों ने चारों ओर से फायरिंग शुरू कर दी थी। किसी को एक पल के लिए भी संभलने का मौका नहीं मिला। 
जान बचाने के लिए जो पुलिसकर्मी छिपे उन्हें ढूंढ ढूंढ कर विकास और उसके साथियों ने गोली मारी थी। विकास के मामा की पत्नी ने बताया था कि कुछ पुलिस वाले अपनी जान बचाने के लिए बाथरूम की ओर भागे तो बदमाशों ने उन्हें खींचकर मारा था। सीओ देवेंद्र मिश्रा के सिर में बदमाशों ने पिस्टल की सारी गोलियां उतार दी थीं। इसके बाद भी जब मन नहीं भरा तो सीओ के पैरों को काट दिया था। 
शव परीक्षण की रिपोर्ट में इस हमले को लेकर चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। रिपोर्ट से पता चला है कि पुलिसकर्मियों पर किया गया हमला जितना दर्दनाक दिख रहा है, असलियत उससे कहीं ज्यादा क्रूरता भरी और रोंगटे खड़े कर देने वाली है। पुलिस वालों को मारने के लिए माओवादियों की तरह बर्बरता की गई थी।

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