14 बांग्लादेशी तब्लीग़ी जमातियों की ज़मानत ख़ारिज


14 बांग्लादेशी तब्लीग़ी जमातियों की ज़मानत ख़ारिज
जौनपुर । मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) ने विदेशी नागरिकता उल्लंघन के तौर पर किए गए गंभीर अपराध के मद्देनजर 14 बांग्लादेशी जमातियों की जमानत अर्जी गुरुवार को निरस्त कर दी।
आरोपितों ने अदालत में पेश किए गए जमानत प्रार्थना पत्र में खुद को बेगुनाह बताया है। कहा है कि उन्होंने लॉकडाउन का कोई उल्लंघन नहीं किया है। साथ ही उन्होंने कोर्ट में जमानतदार देने की भी बात प्रार्थना पत्र में लिखी है। कोर्ट ने अपराध की गंभीरता को देखते हुए जमानत अर्जी निरस्त कर दी। आरोपितों पर आरंभ में फारेनर्स एक्ट, पासपोर्ट एक्ट व आइपीसी की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था। बाद में हत्या के प्रयास व महामारी अधिनियम की धारा की बढ़ोत्तरी की गई। सभी आरोपित फिलहाल प्रसाद इंटरनेशनल स्कूल में बनाए गए अस्थाई जेल में निरुद्ध हैं। प्रशासन ने सभी का पासपोर्ट व वीजा जब्त कर लिया है। चौकी प्रभारी शिकारपुर सुरेश कुमार मौर्या ने गत 31 मार्च को तहरीर देकर एफआइआर दर्ज कराई थी। उनके मुताबिक सहयोगी पुलिसकर्मियों के साथ भ्रमण के दौरान मुखबिर से सूचना मिली कि लाल दरवाजा के सामने कुछ लोग एकत्र हैं। वहां पहुंचने पर मौलाना मुनीर अहमद निवासी केराकत के दो कमरों में लॉकडाउन का उल्लंघन कर ठहरे 16 व्यक्ति मो. फिरदौस, नूर मोहम्मद, मैनुद्दीन, मो. अनीमुल, मोहम्मद इस्माइल हुसैन समेत 14 बांग्लादेशी जमाती के अलावा यासीन अंसारी निवासी रांची (झारखंड) व मो. अब्दुल मोतालिब पश्चिम बंगाल निवासी मिले। पुलिस ने आरोपितों के पासपोर्ट, वीजा व आधार कार्ड जब्त कर लिया। सभी को शेल्टर होम भेजा। बाद में आरोपितों को अस्थाई जेल में न्यायिक हिरासत में भेज दिया। एक बांग्लादेशी व एक झारखंड निवासी परीक्षण में कोरोना पाजीटिव मिले जो इलाज के बाद स्वस्थ हो गए।

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