अनलॉक 2.0 में देश में जारी प्रतिबंध में और भी कमी लाई जा सकती है। आर्थिक गतिविधियों को गति देने के लिए सभी राज्य सरकारें निर्माण-संबंधी गतिविधियों को बढ़ावा दे सकती हैं।
अनलॉक-2 में सरकार का फोकस कुटीर उद्योगों और स्थानीय मजदूरों को रोजगार के साधन उपलब्ध कराने पर है।
अनलॉक-2 में मजदूरों के फैक्ट्रियों में लौटने पर फोकस रहेगा। मजदूरों के फैक्ट्रियों में लौटने से उद्योग रफ्तार बढ़ेगी।
15 जुलाई के बाद सीमित इंटरनेशनल उड़ान संभव है।
स्पेशल ट्रेनों की संख्या भी बढ़ाई जा सकती है।
मेट्रो सेवाओं को फिर से शुरू करने में अभी समय लग सकता है।
स्कूल-कॉलेज खोले जाने की अनुमति नहीं मिलेगी। अनलॉक 2 में स्कूलों को फिर से खोलने का फिलहाल कोई विचार नहीं है। राज्य सरकारें स्कूल और कॉलेज खोलने को लेकर जुलाई 2020 में फैसला ले सकती है।
सामाजिक आयोजनों पर भी पाबंदी जारी रहेगी।
कोरोना वायरस पर नियंत्रण के लिए COVID-19 संक्रमितों से संपर्क में आए लोगों को ट्रेस करने और उनके आईसोलेशन पर जोर दिया जा सकता है। ताकि, महामारी को कंट्रोल किया जा सके।
राज्यों को वायरस से निपटने की क्षमता बढ़ाने के लिए स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे, सूचना प्रणाली, भावनात्मक समर्थन और सार्वजनिक भागीदारी पर जोर देना जारी रखा जाए, इस पर सरकार पूरा जोर दे रही है।
यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि ऐसे संकट में समय पर लोगों की सहायता के लिए जारी किए गए हेल्पलाइन नंबर असहाय नहीं बल्कि सहायक” हों।
अनलॉक 2.0 के दौरान भी और इसके बाद भी लोगों को अपनी और अपनों की सुरक्षा के लिए वर्तमान में जारी मास्क पहनने, सेनेटाइजेशन और अन्य स्वच्छता संबंधी बातों का ध्यान रखना होगा। इसके लिए सरकार को वर्तमान में जारी सूचना सेवाओं को आगे भी जारी रखना चाहिए।
जिन राज्यों में कोरोना के रिकवरी आंकड़े अच्छे हैं, उन्हें दूसरे राज्यों से भी इसके बारे में जानकारी शेयर करना चाहिए। ताकि, अन्य राज्य भी मरीजों के इलाज के दौरान इनका ध्यान रख सकें।
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