भूकंप के झटके से दहली ज़िंदगी,ताजिकिस्तान से कश्मीर तक खतरनाक तीव्रता में भूकंप



भूकंप के झटके से दहली ज़िंदगी,ताजिकिस्तान से कश्मीर तक खतरनाक तीव्रता में भूकंप
नई दिल्ली । ताजिकिस्तान में मंगलवार सुबह 7 बजे भूकंप आया। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक इसका केंद्र राजधानी दुशांबे से 341 किमी पूर्व-दक्षिणपूर्व में रहा। 6.8 तीव्रता वाले इस भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। वहीं, अधिकारियों के मुताबिक, ताजिकिस्तान में आए भूकंप को कश्मीर में भी महसूस किया गया। जम्मू और कश्मीर में 5.8 तीव्रता का भूकंप आया। इसका उपरिकेंद्र ताजिकिस्तान में था। 

जम्मू-कश्मीर के कुछ इलाकों में मंगलवार सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए. लोग घरों से बाहर निकल आएं। बता दें कि पिछले दिनों में कई बार जम्मू-कश्मीर में भूकंप के झटके महसूस किए जा चुके हैं। इससे पहले जम्मू-कश्मीर में सोमवार सुबह 4 बजकर 36 मिनट पर भूकंप का झटका महसूस किया गया था. इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.2 थी।

वहीं, 9 जून को भी जम्मू-कश्मीर में सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। बताया गया कि 9 जून को सुबह 8 बजकर 16 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर तीव्रता 3.9 रही। भूकंप का केंद्र श्रीनगर से 14 किलोमीटर नॉर्थ और गांदरबेल से साउथ-ईस्ट पर 7 किलोमीटर दूर रहा था।

ताजिकिस्तान में भूकंप के समाचार एजेंसी एएनआइ के ट्वीट पर एक शख्स ने बताया कि मैं कश्मीर में हूं और यहां लगभग सुबह 7 बजकर 4 मिनट पर भूकंप को महसूस किया। वह काफी शक्तिशाली था।

क्यों आता है भूकंप?

धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी हुई है, इनर कोर, आउटर कोर, मैनटल और क्रस्ट। क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल को लिथोस्फेयर कहते हैं। ये 50 किलोमीटर की मोटी परत, वर्गों में बंटी हुई है, जिन्हें टैकटोनिक प्लेट्स कहा जाता है। ये टैकटोनिक प्लेट्स अपनी जगह से हिलती रहती हैं लेकिन जब ये बहुत ज्यादा हिल जाती हैं, तो भूकंप आ जाता है। ये प्लेट्स क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर, दोनों ही तरह से अपनी जगह से हिल सकती हैं। इसके बाद वे अपनी जगह तलाशती हैं और ऐसे में एक प्लेट दूसरी के नीचे आ जाती है।

क्यों टकराती हैं प्लेटें?

दरअसल ये प्लेंटे बेहद धीरे-धीरे घूमती रहती हैं। इस प्रकार ये हर साल 4-5 मिमी अपने स्थान से खिसक जाती हैं। कोई प्लेट दूसरी प्लेट के निकट जाती है तो कोई दूर हो जाती है। ऐसे में कभी-कभी ये टकरा भी जाती हैं।

भूकंप के केंद्र और तीव्रता का क्या मतलब है?

भूकंप का केंद्र वह स्थान होता है जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर भूकंप का कंपन ज्यादा होता है। कंपन की आवृत्ति ज्यों-ज्यों दूर होती जाती हैं, इसका प्रभाव कम होता जाता है। फिर भी यदि रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है। लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की तरफ है या दायरे में। यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर को है तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा।

भूकंप की गहराई से क्या मतलब है?

मतलब साफ है कि हलचल कितनी गहराई पर हुई है। भूकंप की गहराई जितनी ज्यादा होगी सतह पर उसकी तीव्रता उतनी ही कम महसूस होगी।

कौन से भूकंप खतरनाक होते हैं?

रिक्टर स्केल पर आमतौर पर 5 तक की तीव्रता वाले भूकंप खतरनाक नहीं होते हैं, लेकिन यह क्षेत्र की संरचना पर निर्भर करता है। यदि भूकंप का केंद्र नदी का तट पर हो और वहां भूकंपरोधी तकनीक के बगैर ऊंची इमारतें बनी हों तो 5 की तीव्रता वाला भूकंप भी खतरनाक हो सकता है।

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