BDO की काली कमाई का ज़रिया बने सफाई कर्मी , गंदगी से पटे गांव



सीतापुर । ब्लॉक बिसवां क्षेत्र में ब्लॉक मशीनरी की सफाई कर्मचारियों से काली कमाई के कारण क्षेत्र के 111 ग्राम पंचायतों के अधिकांश गांव गन्दगी से पटे पड़े है । सरकार चाहे स्वच्छता के कितने भी आदेश करे मगर बिसवां ब्लॉक में सारे आदेश सिर्फ सरकारी कागज के पन्नो में सिमट कर रह गए है । गंदगी का आलम यह है कि ब्लॉक मुख्यालय के ठीक सामने सत्तीनपुरवा में सड़कों पर गंदा पानी बह रहा है मगर ग्राम प्रधान आशा अवस्थी व पंचायत सचिव अम्बिका प्रसाद को इससे कोई मतलब नही है । ग्रामीणों की शिकायत पर उनसे भड़क कर कहते है कि जो करना हो कर लो कोई व्यवस्था नही कर पाएंगे हमारे गांव में कोई सफाई कर्मी की पोस्टिंग नही है । मजेदार बात तो यह है करीब 2000 की आबादी क्षेत्र में सफाई कर्मी नही है वही ग्राम पंचायत कल्हापुर मजरा इशेपुर की कुल जनसंख्या लगभग 400 है। जहां पर दो सफाई क्रमचारी कढ़ीले व मैना देवी मौजूद है।लेकिन दोनों कर्मचारी महीनों तक गावं में नहीं आते यहां तक कुछ लोग  स्वयं अपने अपने घर के सामने बनी नालियों को साफ करते है।इसकी कई बार शिकायत  ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत अधिकारी तथा सहायक विकास अधिकारी बिसवां को भी की जा चुकी है।लेकिन अभी तक इन दोनों सफाई कर्मचारियों पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है।एक हिसाब से देखा जाए एक तरफ देश में चल रही महामारी दूसरी तरफ मच्छरों के प्रकोप से कहीं दूसरी बीमारी ना आ जाए इससे ग्रामवासी काफी परेशान है। लोग दबी जुबान से ब्लॉक कर्मचारियों पर धन उगाही के कारण सफाई व्यवस्था ध्वस्त होने की बात करते है कि 111पंचायतों के सफाई कर्मचारियों से ब्लॉक अधिकारी एक हजार रुपया प्रति माह ले तो लाखों रुपया इन अधिकारियों की जेब मे जाता है जिस कारण शिकायत के बाद भी इन पर कोई कार्यवाही नही होती है ।

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