गोरखपुर डीएम का सख्त आदेश, कोई नई छूट नहीं, नियम तोड़ा तो जाएंगे जेल

गोरखपुर: 31 जुलाई तक घोषित अनलॉक 2.0 में सख्ती और बढ़ाई जाएगी। ज़िले में कोरोना मरीज़ों की बढ़ती तादाद देखते हुए ज़िला प्रशासन ने कोई नई छूट नहीं देने का फैसला किया है। अनलॉक 2.0 में सड़कों पर बेवजह निकलने, सोशल डिस्टेंसिंग की अनदेखी करने और मास्क न लगाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए अभियान चलाकर सघन चेकिंग की जाएगी।

नियमों का उल्लंघर करने वाले लोगों के चालान काटे जाएंगे और तत्काल रुपये नहीं जमा करने वालों को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाएगा जहां से उन्हें जेल भी भेजा जा सकता है। ऐसे मामलों के लिए ज़िला प्रशासन ने डेयरी कॉलोनी स्थित कम्युनिटी हॉल को अस्थायी जेल बनाया है। वहां करीब 500 लोग सोशल डिस्टेंसिंग के साथ रखे जा सकेंगे।

डीएम के. विजयेंद्र पांडियन ने बताया कि अनलॉक 2.0 में सब कुछ पहले की ही तरह रहेगा। तय रोस्टर के मुताबिक ही दुकानें खुलती रहेंगी। दुकानों के समय में भी कोई बदलाव नहीं होगा। शाम सात बजे के बाद रात नौ बजे तक सिर्फ रेस्त्रां- होटल, शराब की दुकानें ही खुलेंगी। शाम सात बजे के बाद सड़कों पर आम आदमी का आवागमन प्रतिबंधित रहेगा।

उन्होंने कहा कि पहले की तुलना में अब कोरोना संक्रमण ज़्यादा गहरा गया है। रोज़ाना बड़ी संख्या में संक्रमित सामने आ रहे हैं। ऐसे में अब सड़कों पर बेवजह निकलने वाले, मास्क नहीं लगाने वालों और सोशल डिस्टेंसिंग की अनदेखी करने वालों के खिलाफ अब प्रशासन सख्ती से पेश आएगा।

डीएम ने की अपील, बेवजह बाहर न निकलें लोग

डीएम के. विजयेंद्र पांडियन ने सभी नागरिकों से अपील की है कि कोरोना संक्रमितों की संख्या रोजाना बढ़ रही है ऐसे में खुद के साथ अपने परिवार और समाज की सुरक्षा के लिए यह आवश्यक है कि बिना जरूरी काम के घर से बाहर न निकलें। 10 साल तक के बच्चों और बुजुर्गों को इमरजेंसी छोड़ किसी भी दशा में बाहर न निकलने दें। एक व्यक्ति की लापरवाही से उसके पूरे परिवार और समाज को भी तमाम तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में सभी को सतर्क रहना जरूरी है।

परिषदीय विद्यालय खुले

कोरोना संकटकाल के बीच परिषदीय विद्यालय तीन महीनों के बाद बुधवार को अपनी समय सारिणी के मुताबिक खुले। पहले दिन शिक्षकों का अधिकतर समय साफ सफाई और सैनिटाइज़ेशन कराने में बीता। शासन ने कोरोना महामारी को देखते हुए विद्यार्थियों के स्कूल आने पर रोक लगाई है। जबकि शिक्षकों को रोजाना स्कूल पहुंचकर मिड-डे मील, यू-डॉयस, निशुल्क यूनिफार्म, किताबों का वितरण, मिशन प्रेरणा के अंतर्गत ई-पाठशाला, ऑपरेशन कायाकल्प, दीक्षा एप, शारदा कार्यक्रम, विद्यालयों का संविलियन, ऑनलाइन प्रशिक्षण का कार्य करना होगा। कई शिक्षकों ने कोरोना महामारी को देखते हुए स्कूलों के खोले जाने पर रोष जताया।

Post a Comment

0 Comments