वृक्षारोपण कर दिया हरित क्रान्ति का संदेश

प्रतापगढ़ । संड़वा चण्डिका ब्लाक के रायचंद्रपुर गांव में वृक्षारोपण करते हुए प्रधान पति जे.पी सरोज ने बताया कि इंसान के सुख, शाति और समृद्धि का भंडार प्रकृति है। मनुष्य प्रकृति की गोद में ही पलता-बढ़ता है और इसी के साथ जीवन का समापन भी करता है। प्रकृति के साथ मनुष्य का नैसर्गिक प्यार उसकी भावना में बसा है। जब वह भागदौड़ की जिन्दगी में व्यस्त होता है तो तनिक सुकून और मन की शांति के लिए प्रकृति की गोद में जा बैठता है। आज हम प्रकृति से दूर विकास की अंधी दौड़ में मानवता के विकास और विनाश के बीच करोना से जूझ रहे हैं तो लगता है कि प्रकृति ही इसका निदान, उद्भव और अंत है। अब इंसान को अपनी गलती का अहसास हो गया है। नए पेड़-पौधे लगाकर वो अब कुदरत का कर्ज उतार रहे हैं। साथ ही शहरों का प्रदूषण कम करने का प्रयास भी किया जा रहा है। शहर हो या गाव हरियाली बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। हमें अपने मन में संकल्प लेना होगा कि हमें प्रकृति से सदभाव के साथ जुड़ कर रहना है। हम सब इस बारे में सोचें कि हम अपनी धरती को स्वच्छ और हरित बनाने के लिए और क्या कर सकते हैं ? किस तरह इस दिशा में आगे बढ़ सकते हैं? अब सिर्फ पौधारोपण करने से कुछ नहीं होगा। जब तक हम यह सुनिश्चित नहीं कर लेते कि हम उस पौधे के पेड़ बनने तक उसकी देखभाल करेंगें। तथा ग्राम प्रधान सोनिया  ने वृक्षारोपण किया तथा कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए सभी देशों के लोगों को एक साथ लाकर जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने और जंगलों के टप्रबन्ध को सुधारना है। वास्तविक रुप में पृथ्वी को बचाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है वृक्षारोपण, तथा तेजी से बढ़ते शहरीकरण व लगातार काटे जा रहे पेड़ों के कारण बिगड़ते पर्यावरण संतुलन पर रोक लगानी होगी। तथा वृक्षारोपण करने में अनेक मनरेगा मजदूरों कार्य किए, यह जानकारी जे. पी. सरोज ने दी है ।

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