हजारों कुंतल गेहूं बारिश की चढ़ा भेंट,मंडियों और गोदामों में लापरवाही

हजारों कुंतल गेहूं बारिश की चढ़ा भेंट,मंडियों और गोदामों में लापरवाही 

प्रयागराज। एक ओर बारिश ने राहत दिलाई वहीं गंगापार व यमुनापार की कई मंडियों के साथ गोदामों में हजारों कुंतल गेहूं भीग गया। इसमें संबंधित विभाग की लापरवाही नजर आ रही है। आलम यह रहा कि मंगलवारको हुई तेज बारिश का पानी कई मंडियों व गोदामों के टीन शेड के अंदर भी चला गया। फिलहाल नुकसान तो हुआ ही है।

मंडियों में ज्यादा नुकसान हुआ

जिले में इस साल 96 गेहूं क्रय केंद्र खोले गए थे। जिले को 88 हजार टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य था मगर मात्र 33 हजार टन ही गेहूं की खरीद हो सकी। क्रय केंद्रों गेहूं की खरीद 30 जून को ही खत्म हुई है। बताते हैैं कि जैसे-जैसे गेहूं खरीदा जा रहा था वैसे-वैसे गेहूं को डिपो में भी भेजा जा रहा था मगर अंतिम समय में खरीदे गए गेहूं में काफी मात्रा में अभी डिपो नहीं पहुंचाया जा सका। जहां गेहू्ं बचा था वहां उचित व्यवस्था न होने से मंगलवार की भोर में बारिश से काफी मात्रा में गेहूं भीग गया। खासतौर पर मंडियों में ज्यादा नुकसान हुआ।

खास बातें
96 गेहूं क्रय केंद्र खोले गए थे इस साल जिले भर में
88 हजार लक्ष्य के सापेक्ष मात्र 33 हजार टन ही खरीद
20 फीसद ज्यादा गेहूं अब भी नहीं भेजा जा सका है डिपो में
15 प्रतिशत से अधिक किसानों को अब भी नहीं हो सका भुगतान।

टीन शेड के नीचे रखा गेहूं भी बौछार के चलते भीग गया
मंडी समिति जारी, नारीबारी, लेडिय़ारी में काफी मात्रा में गेहूं भीग गया। दरअसल, इन मंडियों में काफी मात्रा में बोरों में गेहूं खुले में ही रखा गया था। यही नहीं टीन शेड के नीचे रखा गेहूं भी बौछार के चलते भीग गया। दरअसल टीन शेड चारो ओर से खुले हैैं जिसके कारण बौछार का पानी अंदर चला गया। हैरानी की बात यह है कि भीगे हुए गेहूं को सुखाने के बजाय उसे टीन शेड के नीचे रख दिया गया। अब यह गेहूं जब तक लोगों को मिलेगा, इसकी गुणवत्ता खराब हो चुकी होगी।

किसानों ने कहा, हर साल बारिश से भीगता है गेहूं

कौंधियारा के किसान विनोद कुमार मिश्रा का कहना है कि मंडियों में इसी तरह हर साल बारिश के पानी से गेहूं भीगता है मगर कोई व्यवस्था नहीं हो रही है। नारीबारी के किसान अरुण कुमार का कहना है कि मंडी के गोदामों में बारिश से बचाव के इंतजाम होने चाहिए।
 
बोले, डिप्टी आरएमओ 

इस संबंध में डिप्टी आरएमओ विपिन कुमार कहते हैं कि गेहूं क्रय केंद्रों पर खरीदे गए गेहूं को डिपो भेज दिया गया है। कुछ स्थानों पर गेहूं अभी रखा है जिसे जल्द ही डिपो भेजा जाएगा। मंडियों में प्राइवेट गेहूं भी रखा जाता है, जो भीगा है। सरकारी गोदामों में जहां भी भीगा होगा, वहां इंतजाम किया जा रहा है।

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