मूसलाधार बारिश ने बरपाया कहर:दो इमारत गिरने से नौ की मौत,कई घायल

मूसलाधार बारिश ने बरपाया कहर:दो इमारत गिरने से नौ की मौत,कई घायल

मुंबई। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में मानसून की लगातार हो रही बारिश ने कहर बरपाना शुरु कर दिया है। मुंबई में वीरवार को हुई भारी बारिश के बाद हुई दो दर्दनाक घटनाओं में सात लोगों की जान चली गयी और कई घायल हो गए। घटना वीरवार दिन में 2 बजकर 30 मिनट की है जब मुंबई के फोर्ट इलाके में स्थित भानुशाली इमारत का एक हिस्‍सा भरभरा कर नीचे गिर पड़ा।  मुंबई के फोर्ट इलाके में मलबा साफ किया जा रहा है जहां कल एक इमारत का एक हिस्सा ढह गया था। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) के अनुसार मुंबई के भानुशाली बिल्डिंग ढहने से मरने वालों की संख्या बढ़कर नौ हो गई है और कई लोग घायल हैं। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे बचाव कार्यों का जायजा लेने के लिए घटनास्थल पर पहुंचे। घटनास्थल पर पहुंचे 14 फायर टेंडरों के अलावा, मुंबई पुलिस और एनडीआरएफ के कर्मियों की टीमें अभी भी बचाव कार्य में जुटी हैं। इस बीच, मुंबई उपनगरीय जिले के संरक्षक मंत्री, आदित्य ठाकरे ने मुंबई के मलाड इलाके में मालवानी में एक घर ढहने के बाद मरने वालों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की।

बता दें कि मलाड इलाके में वीरवार को घर गिरने की घटना में दो लोगों की मौत हो गई। इससे पहले बुधवार को शहर के पाववाला स्ट्रीट पर एक घर के एक हिस्से के ढह जाने से दो व्यक्ति घायल हो गए थे। घटना के बाद दोनों घायलों  इलाज के लिए अस्‍पताल में भर्ती करवा दिया गया था। 

गौरतलब है कि गत 2 जुलाई को भी मुंबई के मलाड ईस्ट के पिंपरीपाड़ा में भारी बारिश के कारण दीवार गिर गयी थी। इस दुर्घटना में लगभग 27 लोगों की जान चली गयी थी। 28 जून को पुणे के करीब कोंढवा इलाके में भी रात के समय एक घर की दीवार गिर गयी थी। जिसमें 15 लोगों की जान चली गयी थी। सितंबर, 2017 में मुंबई में पांच मंजिला इमारत ढहने से 34 लोगों की मौत हो गई थी। मुंबई महानगर पालिका से मिली जानकारी के अनुसार, 1996 से लेकर सितंबर 2017 तक 17 इमारतें ढह चुकी हैं, जिनमें 267 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। सबसे ज्‍यादा  61 लोग इस क्षेत्र से कुछ ही दूर स्थित बाबू गेनू रोड की एक इमारत ढहने से मारे गए थे। यह हादसा सितंबर 2013 में हुआ था। बीएमसी द़वारा कुछ साल पहले मुंबई की 791 इमारतों को अत्यंत खतरनाक घोषित किया गया था। जिनमें से 186 इमारतें ध्वस्त की जा चुकी हैं और 117 खाली करवाई जा चुकी हैं। जबकि शेष में लोग रह रहे हैं।

 

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