बिकरू कांड के आखिरी आरोपी 50 हजार का इनामी रामू बाजपेयी को पुलिस ने किया गिरफ्तार

बिकरू कांड के आखिरी आरोपी 50 हजार का इनामी रामू बाजपेयी को पुलिस ने किया गिरफ्तार

कानपुर। उत्तर प्रदेश के साथ देश की राजनीति को गरमा देने वाले कानपुर के चौबेपुर के बिकरू गांव में सीओ सहित आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में नामजद आखिरी बदमाश भी पुलिस के हत्थे चढ़ गया। पुलिस ने 50 हजार के इनामी रामू बाजपेयी को गिरफ्तार कर लिया है।

कानपुर के चौबेपुर थाना की फोर्स ने बिकरु कांड के आखिरी आरोपी रामू बाजपेयी को गिरफ्तार कर लिया। रामू बाजपेयी लगभग दो महीना से फरार चल रहा था। 50 हजार के इनामी रामू बाजपेयी के पास से पुलिस ने बिकरू कांड में प्रयुक्त राइफल के साथ बड़ी मात्रा में कारतूस भी बरामद किया है।

बिकरू गांव में सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में फरार चल रहे 50 हजार रुपये के इनामी नामजद हत्यारोपित रामू बाजपेयी को एसटीएफ व पुलिस की संयुक्त टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। यह रामू पुलिस मुठभेड़ में घायल हुए श्यामू बाजपेई का चचेरा भाई है। पुलिस का दावा है घटना के दौरान राम गोलियां बरसा रहा था। पुलिस ने उसे बाबा कुआं चौराहे से गिरफ्तार किया है। उसके पास 315 की एक रायफल, एक कारतूस व चार खोखे बरामद किए हैं। बिकरु कांड में शामिल रामू बाजपेई भी विकास दुबे के खास गुर्गों में था।पुलिस टीम उससे घटना से जुड़े बिंदुओ पर पूछताछ कर रही है।

पुलिस को गैंगस्टर के साथियों से मिले असलहे व कारतूस

विकास दुबे के गैंग के सदस्यों को इससे पहले भी गिरफ्तार कर चुकी पुलिस अब इनकी निशानदेही पर असलहे तथा अन्य सामान एकत्र कर रही है। दो जुलाई की रात को विकास दुबे और उसके साथियों ने पुलिस टीम पर इन्हीं असलहों तथा बम से हमला बोला था। पुलिस को विकास दुबे के गुर्गे धर्मेंद्र, शिवम दुबे, गोविंद सैनी और विष्णु पाल से पूछताछ में असलहों की जानकारी मिली। इन चारों ने माती कोर्ट में सरेंडर किया था, जिसके बाद पुलिस ने उन्हेंं रिमांड पर लिया। इनसे पुलिस टीम पर हमला में प्रयुक्त एक डीवीवीएल बंदूक व राइफल के साथ तीन तमंचे मिले हैं। इनके अलावा पांच देसी बम और भारी संख्या में कारतूस भी मिले हैं।

गौरतलब है कि दो जुलाई की रात को बिकरू गांव में गैंगस्टर विकास दुबे के घर दबिश देने पहुंची कानपुर पुलिस की टीम पर घात लगाकर बैठे गैंगस्टर और उसके गुर्गों ने हमला कर दिया था। जिसमें सीओ देवेंद्र मिश्रा सहित आठ  पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। इसके बाद एसटीएफ ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए दुर्दांत अपराधी विकास दुबे सहित उसके पांच साथियों को मुठभेड़ में ढेर कर दिया था। इस पूरे मामले में 26 से ज्यादा लोगों को जेल भेजा जा चुका है। विकास के सात साथी सरेंडर भी कर चुके हैं।

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