पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का 84 वर्ष की उम्र में निधन,राष्ट्रपति और पीएम मोदी ने जताया दुख

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का 84 वर्ष की उम्र में निधन,राष्ट्रपति और पीएम मोदी ने जताया दुख

नई दिल्ली। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी नहीं रहे। आज उनका निधन हो गया। कई दिनों  से पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी गहन कोमा में थे। 84 वर्षीय मुखर्जी को वेंटिलेटर पर रखा गया था और फेफड़े में संक्रमण का इलाज किया जा रहा था। मुखर्जी के निधन की जानकारी उनके बेटे अभिजीती मुखर्जी ने ट्वीट कर दी है। प्रणब मुखर्जी  के निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और पीएम मोदी ने गहर दुख जताया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट कर कहा कि प्रणब मुखर्जी के स्वर्गवास के बारे में सुनकर हृदय को आघात पहुंचा है। उनका देहावसान एक युग की समाप्ति है। प्रणब मुखर्जी के परिवार, मित्र-जनों और सभी देशवासियों के प्रति मैं गहन शोक-संवेदना व्यक्त करता हूँ।

पीएम मोदी ने भारत रत्न प्रणब मुखर्जी के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए ट्वीट कर कहा कि उन्होंने हमारे राष्ट्र के विकास पथ पर एक अमिट छाप छोड़ी है। एक विद्वान सम उत्कृष्टता, एक राजनीतिज्ञ, और समाज के सभी वर्गों द्वारा प्रशंसित था।

मालूम हो कि मस्तिष्क में खून का थक्का बन जाने के कारण उन्हें 10 अगस्त को दोपहर 12.07 बजे गंभीर स्थिति में अस्पताल में भर्ती किया गया था। सर्जरी से पहले उनकी कोरोना जांच भी कराई गई थी, जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इसके बाद डॉक्टरों ने उनके मस्तिष्क से खून के थक्के को हटाने के लिए सर्जरी की थी। फिर भी उनके स्वास्थ्य में सुधार नहीं हुआ।

- पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन की जानकारी देते हुए बेटे अभिजीत मुखर्जी ने ट्वीट करके लिखा कि भारी मन के साथ, आपको यह सूचित करना है कि मेरे पिता श्री प्रणव मुखर्जी का अभी आरआर अस्पताल के डॉक्टरों के सर्वोत्तम प्रयासों और पूरे भारत में लोगों से मिली दुआओं और प्रार्थनाओं के बावजूद निधन हो गया है।

-प्रणब मुखर्जी भारत के 13वें राष्ट्रपति के रूप में  2012 से 2017 तक पद पर रह चुके थे। पूर्व राष्ट्रपति को भारत रत्न से भी नवाजा जा चुका है। हालांकि, इस पद के लिए यूपीए अध्यक्षा सोनिया गांधी की पहली पसंद हामिद अंसारी थे। लेकिन कई क्षेत्रीय राजनीतिक दलों की पसंद मुखर्जी थे। इससे यह भी पता चला था कि राजनीतिक विभेद के बावजूद प्रणब मुखर्जी की स्वीकार्यता सभी राजनीतिक दलों में थी।


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