जानिए क्यों दोस्त ने ही कर दी अधिवक्ता की हत्या,जानिए पूरा मामला
यह है पूरा मामला
40 वर्षीय अधिवक्ता धर्मेंद्र चौधरी पुत्र साहब सिंह 25 जुलाई की रात संदिग्ध हालात में गायब हो गए थे। 26 की सुबह क्षेत्र के गांव खबरा रोड पर उनकी बाइक लावारिस मिली थी। पुलिस ने कई स्थानों पर तलाश की, लेकिन सुराग नहीं लगा। 27 को अधिवक्ता के स्वजनों को घर में एक डायरी मिली। उसमें अधिवक्ता ने टाइल्स कारोबारी और अपने दोस्त विवेक कुमार उर्फ विक्की पुत्र अरुण कुमार निवासी वैशाली कालोनी को 60 लाख रुपये ब्याज पर उधार देने की बात लिखी थी। स्वजनों को विक्की पर ही शक हुआ। पुलिस ने विक्की को हिरासत में लिया गया। विक्की पुलिस को गुमराह करता रहा। एसएसपी ने उसका लाई डिटेक्टर टेस्ट कराने का निर्णय लिया, लेकिन लैब में जाने के बाद विक्की ने खुद को शुगर और बीपी का मरीज बताकर टेस्ट कराने से मना कर दिया। इस पर पुलिस का शक बढ़ गया।
इस तरह से रची थी हत्या की साजिश
विक्की के दो नौकर हकीमुद्दीन पुत्र नेक मोहम्मद निवासी इस्लामाबाद खुर्जा और अमित पुत्र रामरतन निवासी विकास नगर खुर्जा को हिरासत में लिया गया। पूछताछ में नौकर और विक्की ने हत्याकांड का राजफाश कर दिया। तीनों ने बताया कि अधिवक्ता को खाना खिलाने के बहाने 25 जुलाई को टाइल्स के गोदाम में बुलाया और एक कपड़े से गला घोटकर हत्या कर दी। विक्की ने बताया कि 60 लाख रुपये उस पर उधार थे और 10 लाख ब्याज हो गया था। यह रकम न देनी पड़े। इसलिए हत्या कर दी। शव गोदाम में छिपा दिया।
सीसीटीवी फुटेज से गहराया शक
कबाड़ी बाजार स्थित टाइल्स के गोदाम में जाते समय अधिवक्ता बाइक के साथ एक सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गए थे। यहां से निकलते हुए वह नहीं दिख रहे थे। जिस कारण शक गहराया और परत दर परत खुलती गई।एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने कहा कि विक्की ने अधिवक्ता से 70 लाख रुपये उधार ले रखे थे। यह रकम न देनी पड़े इसलिए अधिवक्ता को गोदाम में बुलाया और नौकरों के साथ मिलकर हत्या कर दी। विक्की व दो नौकरों को जेल भेज दिया गया है।
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