रविन्द्र मौर्या को बदमाशो ने उतारा था मौत के घाट, जानिए क्या था पूरा मामला

रविन्द्र मौर्या को बदमाशो ने उतारा था मौत के घाट, जानिए क्या था पूरा मामला
जौनपुर। पुलिस सर्राफा व्यापारी रविन्द्र कुमार मौर्या हत्याकाण्ड का आज खुलासा कर दिया। पुलिस ने हत्या में शामिल एक महिला समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया। आरोपियों की निशानदेही पर हत्या प्रयोग किया गया लोहे का राड व लूट के गहने बरामद किया है। पुछताछ में मुख्य आरोपी ने बताया कि रविन्द्र मौर्या की हत्या मेरी प्रेमिका से प्रेम होने की आशंका के कारण योजना बनाकर किया था। 

मालूम हो कि बीते 19 अगस्त की सूबह सरायखाजा थाना क्षेत्र के मैनीपुर गांव में एक कुए में एक युवक शव पाया गया था। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंचकर लास को बाहर निकालकर पहचान कराया तो वह शव हैदरपुर गांव का निवासी रविन्द्र कुमार मौर्या के रूप में हुई। रविन्द्र मौर्या फेरी लगाकर सोने चांदी के गहने बेचने का काम करता था। जांच पड़ताल में पता चला की उसकी हत्या करके शव को कुए में फेका गया है। पुलिस मुकदमा दर्ज करके आरोपियो के तलास में जुट गयी थी। आज मुखवीर की सूचना पर भईयालाल पुत्र सियाराम निवासी रामपुर डेरवा,सूरज कश्यप् पुत्र स्व0 शंकर निवासी रामपुर डेरवा,सुजीत कुमार पुत्र सियाराम रामपुर डेरवा और संध्या उर्फ संजना पत्नी देवेन्द्र कुमार मौर्या निवासी मैनीपुर को गिरफ्तार कर लिया। पुछताछ में मुख्य अभियुक्त भाईयालाल ने बताया कि वह अक्सर संध्या उर्फ संजना पत्नी देवेन्द्र कुमार मौर्या के घर पर जाया करता था, पती-पत्नी में नही पटती थी। मेरा सम्बन्ध संध्या उर्फ संजना से हो गया था व हम दोनो पति पत्नी की तरह रहने लगे। रबीन्द्र कुमार मौर्य उर्फ पप्पू जो हैदरपुर का रहने वाला था फेरी कर ज्वैलरी बेचता था, वो भी पायल , बीछीया आदि बेचने के लिये संध्या उर्फ संजना के घर आता जाता था व काफी देर तक रहता था। इन दोनों की हरकत से मुझे लगा कि संध्या उर्फ संजना का प्रेम सम्बन्ध रबीन्द्र कुमार उर्फ पप्पू से भी हो गया है, जिसके कारण मुझे काफी गुस्सा आता था इसी कारण मैनें रबीन्द्र कुमार मौर्य उर्फ पप्पू को मारने की योजना बनायी। दिनांक-18.08.2020 को संध्या उर्फ संजना को मेरे घर के बगल मे तेरही में जाना था। मैनें उसको तीनों बच्चों के साथ मोटर साईकल पर बिठाकर अपने घर लाया जहां वह तैयार होकर दिलीप विश्वकर्मा के घर तेरही में शामिल हुई। शाम को मैं,सूरज व अपने बड़े भाई सुजीत कुमार के साथ शराब पीया तथा रबीन्द्र कुमार मौर्य उर्फ पप्पू का इन्तजार करने लगे, रात्रि करीब 10 बजे रबीन्द्र कुमार मौर्य उर्फ पप्पू अपनी साइकल से लालदरवाजे की तरफ से आया तो मैं उसको बुलाकर संध्या उर्फ संजना की मकान में ले गया, जहां अपने प्लान के अनुसार मैं तथा सुजीत कुमार उससे कमरे में बात करने लगे कि इतने में ही कमरे में रखी एक लोहे की राड से सूरज कुमार ने रबीन्द्र कुमार मौर्य उर्फ पप्पू के सिर पर पीछे से जोर से मारा, जिससे वह चकराकर गिर गया। उसके बाद हम लोग गमछे से उसके गले में फन्दा डालकर मार दिये तथा उसके शव को घर के पीछे वाले कमरे रख दिये । कुछ देर बाद हम लोग रबीन्द्र कुमार मौर्या के शव को उठाकर घर से करीब 100 मीटर पीछे स्थित कुए में फेक दिये।

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