सपा जिलाध्यक्ष का करीबी होने से ही पूरी होती पद पाने की मनोकामना,पार्टी में विद्रोह


सपा जिलाध्यक्ष का करीबी होने से ही पूरी होती पद पाने की मनोकामना,पार्टी में विद्रोह
आरिफ़ हुसैनी
जौनपुर। समाजवादी पार्टी का हाईकमान यदि अपने रवैये में बदलाव नहीं लाता और पार्टी की कोई वैचारिक दिशा तय करके संगठन की चूलें नहीं कसता है, तो यह तय मानिए कि प्रदेश की इस सबसे मजबूत राजनीतिक पार्टी में आंतरिक कलह चलती रहेगी जो इसकी स्थिति को बद से बदतर ही करेगी। 
लाल बहादुर यादव के जौनपुर जिलाध्यक्ष बनने के बाद से समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओ का आंतरिक कलह जारी है। मंगलवार शाम को प्रदेश अध्यक्ष अरविंद गिरि ने समाजवादी युवजन सभा का शिवजीत यादव का जिलाध्यक्ष के पद पर नाम घोषित कर दिया, जबकि वह निवर्तमान प्रदेश उपाध्यक्ष युवजन सभा, पूर्व राष्ट्रीय सचिव छात्र सभा पर रहे हैं। इस तरह अचानक जिला अध्यक्ष का नाम घोषित कर दिए जाने से पार्टी के नेता, कार्यकर्ताओं में प्रतिक्रिया सामने आने लगी है। यह पार्टी के लिए बहुत बुरा हुआ। इधर, जिले के कार्यकर्ता नाराजगी जाहिर कर रहे अब प्रदेश के नेता जिले में स्थापित होंगे तो जिले के काम करने वाले कार्यकर्ता लोग कहा जाएंगे ? सपा कार्यकर्ता पंकज यादव ने अपनें फेसबुक पर लिख दिया की जो लोग सपा में अपने आप को जमीनी कार्यकर्ता समझते हो और पद पाना चाहते हो तो वो पहले जिला और प्रदेश के नेताओ की परिक्रमा करना शुरू कर दे! 
वीरेंद्र कुमार यादव ने कहा पद दिलाने के चक्कर में 2022 भी हाथ से न निकल जाये। 
वही कुछ सूत्रों ने बताया कि जिलाध्यक्ष का करीबी होना ही जिलाध्यक्ष बनने के काबिल है। नाम ना छापने के शर्त पर एक जातीय नेता ने कहा शिवजीत यादव जिलाध्यक्ष बनना यह एकल निर्णय हुआ। पार्टी के कार्यकर्ता क्या यह मानेंगे। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता व राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को यह पता नहीं है। उन्होंने कहा कि जो हो रहा है यह सपा के लिए खतरे को बुलाकर लाएगा। सच तो यह है कि पार्टी के कार्यकर्ता की उपेक्षा की जा रही थी।


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