भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी जंग में सीएम योगी आदित्यनाथ ने दो IPS को किया निलंबित,जानिए पूरा मामला

भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी जंग में सीएम योगी आदित्यनाथ ने दो IPS को किया निलंबित,जानिए पूरा मामला


लखनऊ।कोरोना वायरस के संक्रमण से लड़ाई के दौर में भी सीएम योगी आदित्यनाथ की एक और बड़ी मुहिम जारी है। भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी जंग में सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक और बड़ी कार्रवाई की है। उत्तर प्रदेश में पशु पालन घोटाला में दो आइपीएस अफसरों का नाम आने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने इनको निलंबित कर दिया है।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की मुहिम जारी है। उत्तर प्रदेश के पशु पालन विभाग में करोड़ों के टेंडर घोटाला के आरोपित जेल में हैं। अब इनके मददगारों की बारी है। घोटाला करने वालों के मददगार दो वरिष्ठ आइपीएस अफसरों को सीएम योगी आदित्यनाथ ने निलंबित कर दिया है। आइपीएस अफसर दिनेश चंद्र दुबे तथा अरविंद सेन को पशु पालन घोटाले में शामिल लोगों की मदद करने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। यह दोनों अधिकारी प्रदेश में डीआइजी के पद पर तैनात हैं। आईपीएस दिनेश चंद्र दुबे और अरविंद सेन पर वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगे थे, जिस पर कार्रवाई की गई है।

अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने इनके निलंबन की पुष्टि की है। दिनेश चंद्र दुबे डीआइजी रूल्स एंड मैन्युअल और अरविंद सेन डीआईजी पीएसी आगरा जोन के पद पर तैनात हैं। अरविंद सेन तत्कालीन एसपी सीबी सीआईडी थे। जिन पर आरोपितों के साथ मिलीभगत कर व्यापारी को धमकाने का आरोप है। दिनेश चंद्र दुबे पर एक शातिर अपराधी से 144 बार पैसे की लेनदेन को लेकर बातचीत का आरोप है। इसी आरोप में उनको निलंबित किया गया है।

अभी कोई आरोप पत्र नहीं मिला : अरविंद सेन

आगरा में तैनात डीआइजी पीएसी अरविंद सेन का कहना है कि अभी उन्हें कोई आरोप पत्र नहीं मिला है। यह 2018 का मामला बताया जा रहा है। जांच के दौरान भी उनसे किसी ने पक्ष नहीं जाना। निलंबन के मामले पर उन्होंने कोई भी टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया।

अरविंद सेन ने धमकाया

एसटीएफ के मुताबिक पीड़ित मंजीत ने सीबीसीआईडी के तत्कालीन एसपी (अब डीआईजी) अरविंद सेन पर इन लोगों से मिलीभगत कर पीड़ित को धमकाने का आरोप लगाया था। इसमें एसटीएफ की पड़ताल में साफ हुआ कि तब सीबीसीआईडी में एसपी अरविंद सेन थे। अरविंद सेन इस समय डीआईजी हैं और पीएसी सेक्टर आगरा में तैनात हैं। जांच में इन पर धमकाने का आरोप सही पाया गया।अरविंद सेन के खिलाफ पशुपालन विभाग में कूटरचित कर ठगी करने का मामला मिला है।

दुबे के आरोपितों से मधुर संबंध

पशुपालन विभाग के टेंडर घोटाला में गिरफ्तार लोगों ने सचिवालय में पशुपालन विभाग का फर्जी दफ्तर बनाकर जो फर्जीवाड़ा किया, उससे अधिकारी और एसटीएफ भी हैरान रह गई थी। मामले के तूल पकड़ने पर शासन ने जांच जल्दी पूरी कर सभी आरोपियों को पकड़ने को कहा था। इस जांच में ही सामने आया कि गिरफ्तार आरोपियों के आईपीएस डीसी दुबे से सम्बंध हैं।

दिनेश चंद्र दुबे के खिलाफ इससे पहले भी यूपीडेस्को नोडल एजेंसी के अंतर्गत कस्तूरबा हॉस्टल, शिवगढ़ बछरावां रायबरेली एवं सादाबाद में बनवाने का ठेका और बरेली व कौशांबी में बस अड्डा के साथ लखनऊ में दिव्यांगों के लिए भवन बनवाने का ठेका दिलाने की शिकायत थी। इन कामों से मिले लाभ में भी इनकी हिस्सेदारी मिली है।

इससे पहले इसी केस में आरोपियों के मददगार और बाराबंकी में तैनात हेड कांस्टेबल दिलबहार सिंह सस्पेंड किया गया था। एसीपी गोमतीनगर की जांच रिपोर्ट के आधार पर एसपी बाराबंकी अरविंद चतुर्वेदी ने हेड कांस्टेबल दिलबहार सिंह यादव का सस्पेंशन लेटर जारी किया था।

कई लोगों की पहले ही गिरफ्तारी

पशुपालन विभाग के इस फर्जीवाड़े में पशुधन राज्यमंत्री जयप्रकाश निषाद के निजी प्रधान सचिव रजनीश दीक्षित, निजी सचिव धीरज कुमार देव, इलेक्ट्रॉनिक चैनल के पत्रकार आशीष राय, अनिल राय, कथित पत्रकार एके राजीव, रूपक राय और उमाशंकर को 14 जून को गिरफ्तार किया गया था। इन लोगों के खिलाफ इंदौर के व्यापारी मंजीत भाटिया ने शासन में शिकायत की थी।

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