स्मार्ट मीटर के नाम पर शोषण, बिजली बिल से परेशान है जनता

स्मार्ट मीटर के नाम पर शोषण,  बिजली बिल से परेशान है जनता
हसन आरिफ़ जाफ़री
वराणसी । स्मार्ट मीटर के नाम पर सौ से डेढ़ सौ फीसदी ज्यादा आ रहे बिजली के बिल ने सबको परेशान कर दिया है। हर घर- व्यापारी परेशान है। बिल हाथ में पकड़ाते ही तत्काल जमा करने का दबाव ऐसे बनाया जा रहा है जैसे प्राइवेट बैंको के लोन रिकवरी एजेंट बनाते हैं। अनियोजित तालाबंदी की मार से तबाह जनता पर यह मनमाने बिजली के बिल किसी तुषारापात से कम नहीं है। एक तरफ दिन प्रतिदिन भयावह होते जा रहे कोरोना का संकट तो वहीं योगीराज में मनमाना आता बिजली का बिल जनता पर किसी सर्जिकल स्ट्राइक से कम नहीं। एक के बाद एक दनादन होती मंदी, नोटबंदी, जीएसटी और तालाबंदी के प्रहार से बुरी तरह झुकी काशीजनो की मेरुदंड अब इस विद्युत बिल अटैक से टूटने की कगार पर है। गरीब वर्ग से लेकर मध्यवर्ग सभी त्राहि त्राहि कर रहे हैं. जनता अगर शिकायत करने विभाग में जा रही है तो उनकी सुनने वाला वहां कोई नहीं। उक्त बातें कांग्रेस नेताओं ने बैठक आहूत कर इंग्लिशिया लाइन स्थित पंडित कमलापति त्रिपाठी फाउंडेशन के कार्यालय में कही।

कांग्रेस नेताओं ने सरकार और पावर कारपोरेशन को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि इस पैंडेमिक में तो सरकार को मानवतावादी दृष्टिकोण अपनाते हुए जनता को अधिकाधिक राहत देनी चाहिए। दो सौ यूनिट फ्री बिजली के साथ-साथ विद्युत दरों को भी कम किये जाने की फौरी जरूरत है। जहां केंद्र सरकार अंतरराष्ट्रीय बाजार मे तेल की गिरी कीमतों का कोई लाभ जनता तक पंहुचने नहीं दिया तो वहीं उ.प्र. जो विद्युत उत्पादन का बड़ा केंद्र है अन्य राज्यों को भी बिजली बेचता है जिसमे दिल्ली भी शामिल वहां की बिजली दरें हमारे यूपी से काफी कम हैं। इस कोरोना काल में अधिकांश उद्योग धंधे तबाह हो बंद पड़े हैं और जो चल रहे वो भी अपनी आधी से कम क्षमता से चल रहे हैं। ऐसे में प्रदेश में विद्युत तो सरप्लस है मगर उसका एक रत्ती लाभ आमजन को नहीं। सूरत जो अपनी साड़ियों के लिए भी जाना जाता उस गुजरात के मोदी जी को बनारस ने सीधे प्रधानमंत्री चुना बदले में जिस बनारसी साड़ियों के लिए काशी विश्व प्रसिद्ध है वह बनारसी साड़ी उद्योग अब अपनी अंतिम सांसें गिन रहा है। बुनकरों को इतनी प्रताड़नाएं दी गईं कि आज हथकरघे, लूम सब बंद हो बिकने के कगार पर हैं। संविधान अनुसार भारत में सरकारें जनोन्मुखी और जन कल्याणकारी मानी जाती रही हैं मगर बीजेपी सरकार इस आदर्श परंपरा को तोड़ने पर आमादा है. कल्याण, राहत और उत्थान अब सिर्फ चंद उद्योगपतियों के लिए रिजर्व होकर रह गया है।

पावर कारपोरेशन के चेताते हुए कांग्रेस नेताओं ने कहा कि योगी सरकार से दो टूक मांग की, कहा- स्मार्ट मीटर के नाम पर हो रहे शोषण पर सरकार तत्काल लगाम लगाये और चार सौ पांच सौ बकाया पर काटी जा रही बिजली यह जनता पर सरासर जुल्म है, नहीं रुका तो कांग्रेसजन सड़कों पर उतरने पर बाध्य होगें।

यह रहे शामिल

बैठक की अध्यक्षता उ.प्र. कांग्रेस कमेटी के पूर्व उपाध्यक्ष विजयशंकर पाण्डेय ने किया और संचालन उ.प्र. कांग्रेस कमेटी आर.टी.आई. सेल के पूर्व चेयरमैनबैजनाथ सिंह ने किया। जिला कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष प्रजानाथ शर्मा, विजयशंकर मेहता, भूपेन्द्र प्रताप सिंह, देवेंद्र सिंह, शैलेंद्र सिंह, राकेश चंद्र,अशोक पाण्डेय, राजकुमार सोनकर एवं रवि पाठक रहे।

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