गिरती अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए रोजगार के अवसर, टैक्स व ब्याज माफी,ऋण वितरण का सरलीकरण व आर्थिक पैकेज की आवश्यकता:- आरिफ हबीब

गिरती अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए रोजगार के अवसर, टैक्स व ब्याज माफी,ऋण वितरण का सरलीकरण व आर्थिक पैकेज की आवश्यकता:- आरिफ हबीब

अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए संगठित व असंगठित क्षेत्रों में रोज़गार की गारंटी व व्यवसायिक ऋण की सरलता,टैक्स छूट व ब्याज़ माफी ऋण वसूली का 2 वर्षों का स्थगन आदि सुविधाओं की आवश्यकता है।
     उक्त बातें व्यापारी व सपा नेता आरिफ हबीब ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कही है।
व्यापारी नेता ने कहाकि
पिछले कई वर्षों से देश की अर्थव्यवस्था गिरती ही जा रही है,जिसने गिरावट में 40 वर्षों को रिकॉर्ड तोड़ दिया है, बिना अर्थव्यवस्था मज़बूत हुए ना ही हम आत्मनिर्भर भारत बना पाएंगे,बल्कि विदेशी निवेश से भी हाथ धो बैठेंगे।

      विदेशी निवेश तब ही बढ़ेगा जब हम उनके अनुकूल वातावरण बनाएंगे।

     गिरती अर्थव्यवस्था ने आत्मनिर्भर भारत के प्रधानमंत्री के मिशन को कमज़ीर किया है,वहीं लोगो को आत्महत्या करने पर भी विवश किया है।।

       सपा नेता ने कहाकि प्रधानमंत्री जी ने इससे उबरने के लिए 20 लाख करोड़ का पैकेज दिया है,लेकिन वो भी अदृश्य व आधारहीन है।
       नोटबन्दी,निजीकरण,ने भी बेरोजगारी बढ़ाई है,अर्थव्यवस्था की मार सर्वाधिक असंगठित क्षेत्रों में रोजगार के अवसर की भयंकर कमियों के ही परिणाम है।
     सरकार को ऋण किश्तों को दो वर्षों के लिए स्थगित,ब्याज माफी,बिजली की बिल की माफी,फिक्सड चार्ज की माफी व करों में राहत देकर अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ किया जा सकता है।
    आरिफ हबीब ने कहाकि अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए सामान्यता सर्वत्र रोज़गार के अवसर असंगठित क्षेत्रों में रोजगार की गारंटी व छोटे व मझोले व्यापारियों को कम ब्याज पर लोन उपलब्ध कराना ही विकल्प है।

सरकार को ऋण प्रक्रिया को और आसान व सुलभ बनाना होगा।

अगर सरकार ने इसपर गम्भीरता से काम किया तो निश्चित रूप से अर्थव्यवस्था जल्द से जल्द पटरी पर आ जायेगी।

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