मुसलमानों के वोट पर सत्ता की मलाई खाने वाले सपा मुखिया अखिलेश यादव का अल्पसंख्यक विरोधी रवैय्ये की चर्चा गर्म , हाजी अफ़ज़ाल की मिट्टी में नही पहुचे पार्टी के ज़िम्मेदार

मुसलमानों के वोट पर सत्ता की मलाई खाने वाले सपा मुखिया अखिलेश यादव का अल्पसंख्यक विरोधी रवैय्ये की चर्चा गर्म,हाजी अफ़ज़ाल की मिट्टी में नही पहुचे पार्टी के ज़िम्मेदार,ना ही टेलीफोन पर पुरसा देना समझा बेहतर,कार्यकर्ताओ में गुस्सा

जौनपुर । सपा के वरिष्ठ नेता व जौनपुर सदर सीट से पूर्व विधायक हाजी अफजाल अहमद का शुक्रवार को निधन हो गया था जिनको शनिवार को उनके आबाई कब्रस्तान पर सुपुरदेख़ाक किया गया । समाजवादी पार्टी अपने को अल्पसंख्यक हितैषी बताती है बावजूद इसके हाजी अफ़ज़ाल अहमद की मिट्टी में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव , प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल सहित ज़िलाध्यक्ष लाल बहादुर यादव नही पहुचे जिससे लोगो मे काफी आक्रोश है । मिट्टी में सपा का कोई ज़िम्मेदार नेता का न पहुचना ज़िले में चर्चा का विषय बना हुआ है लोगो ने दबी जुबान में यहाँ तक कह डाला कि सपा सिर्फ जाती विशेष की पार्टी बनकर रह गयी है । वही अभी कुछ दिन पहले ज़िले के एक सपा विधायक का निधन हुआ था जिसमे पूरी पार्टी उमड़ी हुई थी । यहाँ तक कि पार्टी के ज़िलाध्यक्ष लाल बहादुर यादव खुद पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार कराने के लिए वाराणसी लेकर गए थे । तो वही दूसरे दिन सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ज़िले में आकर शोकाकुल परिवार से मिले थे । लेकिन हाजी अफ़ज़ाल अहमद के निधन में पार्टी के ज़िलाध्यक्ष ने केवल उनके घर पहुचकर चंद मिनटों में शोक व्यक्त कर निकल लिए । पूर्व विधायक हाजी अफ़ज़ाल की मिट्टी में कब्रस्तान पर केवल सपा के पूर्व मंत्री डॉ के पी यादव ही पहुचकर उन्हें खेराजे अकीदत पेश किया ।
आपको बता दे कि  हाजी अफ़ज़ाल अहमद काफी समय से बीमार चल रहे थे। शहर के मीरमस्त मोहल्ला स्थित अपने आवास पर उन्होंने अंतिम सांस ली। 65 वर्षीय हाजी अफजाल राजनीतिक होने के साथ ही विभिन्न सामाजिक संस्थाओं से भी जुड़े रहे। 
वर्ष 1996 में सपा के टिकट पर विधायक चुने गए हाजी अफजाल ने भाजपा के सुरेंद्र सिंह को मात दी थी। वह चार बार मरकजी सिरत कमेटी के सदर रहे। कौमी एकता के प्रतीक हाजी अफजाल हर सामाजिक और धार्मिक कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते थे।

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