आत्महत्या की वजह अवसाद एवं निराशाः डा. शालिनी

जौनपुर। जीवन हमारा सुन्दर सलोना उपहार है। जीवन को अगर सम्पूर्ण रूप में समझा जाय तो कोई भी मुश्किल का सामना किया जा सकता है। यह बातें आत्महत्या रोकथाम दिवस पर टीडी महिला महाविद्यालय रासेयो की कार्यक्रम अधिकारी एवं मुस्कुरायेगा इण्डिया इनेशिएटिव की मेंटल हेल्थ काउंसलर डा. शालिनी सिंह ने कही। उन्होंने कहा कि जीवन को सम्पूर्ण रूप से समझने के लिये जीवन से प्रेम करना बहुत आवश्यक है। दुनिया भर में आत्महत्या बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं। इसके लिये मानसिक स्वास्थ्य के प्रति लोगों को जागरूक करना होगा जिससे वे अवसाद व निराशा से लड़ सकें। किसी भी व्यक्ति की मानसिक स्थिति जब ज्यादा खराब हो जाती है तो वह अवसादग्रस्त हो जाता है। जिसकी वजह से वह अपना जीवन तक समाप्त कर बैठता है। उन्होंने कहा कि छात्रों में पढ़ाई का दबाव, असफलता, वैवाहिक समस्याएं, नशे की लत, गंभीर बीमारी एवं पारिवारिक कलह भी आत्महत्या का विशेष कारण बन गया है जिससे पूरा परिवार ही टूट एवं बिखर जाता है। पहले भी आत्महत्या की दर कोई कम नहीं था परन्तु कोरोना काल में ये आंकड़ा पहले की अपेक्षा बढ़ गया है। ऐसे व्यक्ति की काउंसलिंग करके और मनोचिकित्सक की सलाह से जीवन के मूल्य को बेहतर ढंग से समझाया जा सकता है और जीवन रक्षा की जा सकती है। यह मान लें कि जीवन कहीं भी ठहरता नहीं है, वह हर पल बदलता है। सकारात्मक सोच के साथ जीवनरूपी इस उपहार का आनन्द लें।

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