कौशांबी में पुलिस ने किया अवैध सैनिटाइजर फैक्ट्री का भंडाफोड़
नकली सैनिटाइजर बनाने वाले जिले में हैं सक्रिय
कौशांबी जनपद में नकली सैनिटाइज बनाने वाले सक्रिय हैं। वहीं अवैध रूप से फैक्ट्री भी संचालित हो रही है। अभी 25 अगस्त को पूरामुफ्ती क्षेत्र के मादपुर गांव में पखवारा भर से चोरी-छिपे संचालित सैनिटाइजर फैक्ट्री का औषधि निरीक्षक और पुलिस टीम ने छापा मारकर भंडाफोड़ किया था। मौके से सैनिटाइजर बनाने में इस्तेमाल होने वाले केमिकल व उपकरण बरामद हुए थे। पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया था। यहां से 12 लाख रुपये कीमत के सैनिटाइज बरामद भी हुए थे।
कौशांबी के सैनिटाइजर की इन इलाकों में सप्लाई होती है
पूरामुफ्ती के मादपुर में पकड़े गए नकली सैनिटाइजर कारखाना में सौ और दो सौ ग्राम की बोतलों की पैङ्क्षकग की जाती थी। पकड़े गए आरोपियों ने बताया था कि वह मूरतगंज, मनौरी, चरवा समेत प्रयागराज के मुंडेरा, धूमनगंज और नैनी में सप्लाई करते थे। आरोपित अमित ने बताया कि वह पहले अकेले ही नकली वाङ्क्षशग पाउडर बनाता था। चार माह पहले सैनिटाइजर बनाने वाले अफजाल से मिलने के बाद दोनों अवैध कारोबार को एक जगह कर एक दूसरे के ग्राहकों को आपूर्ति करने लगे। इससे लेबर के साथ- साथ मकान का किराया भी बचने लगा था।
प्रयागराज में भी हो रहा खेल
बाजारों के धीरे-धीरे खुलने से विभिन्न उत्पादों की मांग भी बढऩे लगी है। पीपीई किट, सैनिटाइजर, हैंडवॉश और मास्क की डिमांड विशेष रूप से बनी है। सैनिटाइजर और पीपीई किट के लिए सरकार ने बाकायदा मानक तय किए हैं। फिर भी बाजार में नकली उत्पादों का नेटवर्क सक्रिय होने से सैनिटाइजर और पीपीई किट घटिया किस्म की बेची जा रही है। इन चीजों के रेट पर भी संबंधित विभाग का कोई नियंत्रण नहीं है।
स्थानीय स्तर पर तैयार करा कर इसे बेचा जा रहा सैनिटाइजर
बाजारों में बिकने वाले सैनिटाइजर के गुणवत्ता का तनिक भी ख्याल नहीं रखा जा रहा है। अधिकांश बिक रहे सैनिटाइजर किस कंपनी के हैं, इसका भी अता-पता नहीं है। स्थानीय स्तर पर तैयार करा कर इसे बेचा जा रहा है। लॉकडाउन में ढील के बाद से सैनिटाइजर की बिक्री में करीब 40 से 50 फीसद की वृद्धि हुई है। 50 और 100 मिली के सैनिटाइजर की मांग यथावत है लेकिन 500 मिली से लेकर पांच लीटर तक के सैनिटाइजर की डिमांड बढ़ी है।
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