खेत में धान की पराली न जलाने के लिये की गयी बैठक

मछलीशहर, जौनपुर। स्थानीय विकास खण्ड के अमारा गांव में हल्का   लेखपाल ने ग्रामीणों के साथ बैठक करके धान की पराली खेत में न जलाने तथा पराली का सही उपयोग करने के लिए जानकारी दिया। गुरूवार को उक्त गांव में हल्का लेखपाल रितम्भरा ने ग्रामीणों के साथ हुई बैठक में बताया कि खेत में पराली जलाने से खेत की उर्वरता बढ़ाने वाले कीट नष्ट हो जाते हैं जिससे खेत की उर्वरता कम हो जाती है। साथ ही पराली जलाने से उससे निकलने वाले जहरीले धुएं से पूरा वातावरण दूषित हो जाता है जो मानव जीवन के लिए बहुत ही खतरनाक साबित हो रहा है। साथ ही इससे मनुष्य तरह-तरह की बीमारियों   की चपेट में आ रहे हैं, इसलिए वातावरण को शुद्ध रखने के लिए खेत में पराली न जलायें, बल्कि उस पराली का खाद बनाकर उपयोग में लायें। इससे पर्यावरण  सुरक्षित रहेगा। साथ ही खेतों की उपज भी बढ़ेगी जिससे किसानों को अच्छा  लाभ भी होगा।

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