आयकर विभाग की छापेमारी में 34 किलो सोने और 200 किलो चांदी के जेवर हुए जब्त

आयकर विभाग की छापेमारी में 34 किलो सोने और 200 किलो चांदी के जेवर हुए जब्त

कानपुर। आयकर विभाग ने बांदा और मथुरा में 17.5 करोड़ रुपये की अघोषित ज्वेलरी पकड़ी है। इसमें 34 किलो सोना और 200 किलो चांदी के जेवर हैं। पिछले 2 वर्षों में सबसे बड़ी अघोषित संपत्ति पकड़े जाने के मामलों में से एक है। बांदा के इतिहास में यह आज तक की सबसे बड़ी अघोषित ज्वेलरी पकड़े जाने का मामला है।

बांदा में पुलिस ने शनिवार रात एक होटल में छापा मारकर मथुरा के सराफा कारोबारी के दो कर्मचारियों को हिरासत में लिया था, जिनके पास से 14 किलो सोने के जेवर बरामद हुए थे। इनकी कीमत आयकर विभाग ने करीब 6.50 करोड़ रुपये मानी थी। इसके बाद आयकर विभाग ने बांदा और मथुरा में सर्वे शुरू कर दिए थे। सर्वे में और भी अघोषित ज्वैलरी मिलने पर आयकर विभाग ने इस पूरी कार्रवाई को छापे में तब्दील कर दिया। इसके बाद बांदा में सात और मथुरा में एक स्थान पर कार्रवाई शुरू हो गई‌, मंगलवार देर रात तक चली कार्रवाई में आयकर विभाग को बांदा में सात स्थानों पर 20 किलो सोने की अघोषित ज्वैलरी का स्टॉक मिला‌।

इसके साथ ही दो सौ किलो चांदी के जेवर भी अघोषित स्टाक के रूप में आयकर विभाग के अधिकारियों के हाथ लगे। इनका कारोबारियों ने अपने बही खाते में कोई उल्लेख नहीं किया था। बांदा में मिली अघोषित संपत्ति की कीमत करीब 11 करोड़ रुपए आंकी गई है। कारोबारियों ने आयकर अधिकारियों से इस पर टैक्स देना स्वीकार कर लिया है।

इसी तरह मथुरा के कारोबारी ने करीब 36 घंटे चली पूछताछ के बाद 14 किलो सोने के जेवर को अपना माना और इस पर टैक्स देने की बात कही। इस पूरे मामले में विभाग को टैक्स के रूप में करीब 7 करोड रुपए मिलने की उम्मीद है। अधिकारियों के मुताबिक बांदा के इतिहास में इतना बड़ा अघोषित ज्वेलरी का मामला आज तक नहीं पकड़ा गया है।

दाे वर्ष पहले आयकर विभाग द्वारा छह करोड़ रुपये की अघोषित आय बांदा में पकड़ी थी। आयकर उपनिदेशक राघव गुप्ता, गौरव गर्ग, डॉ. विजय सिंह के नेतृत्व में जांच में करीब दो दर्जन आयकर अधिकारी शामिल थे‌, अधिकारियों की टीम ने सभी सराफा कारोबारियों के बही खाते, कंप्यूटर हार्ड डिस्क आदि कब्जे में ली है और उसकी जांच की जा रही है‌।

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