मानवता की रक्षा सभी धर्मों से श्रेष्ठः डा. मदन मोहन

चौकियां धाम, जौनपुर। पूर्वांचल की आस्था का केंद्र शीतला चौकियां धाम में चल रहे श्रीराम कथा के चौथे दिन डा. मदन मोहन मिश्रा ने बताया कि आत्मा और परमात्मा का बोध कराने के प्रसंग को सत्संग कहते हैं। जिसके जीवन से सत्य निकल गया, वह पतन के रास्ते पर चला जाता है। सत्य ईमान व समाज में उत्तम व्यवहार करने की संजीवनी बूटी है श्रीराम कथा। पाप के बाप का नाम लोभ है। लोभ के कारण बेईमानी व भ्रष्टाचार को शक्ति मिलती है। श्रीराम कथा सुनने से मानव जीवन में सुख-शांति व आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति होती है। आज के दैनिक युग में मोह के कारण भाई भाई से भी बेईमानी का रास्ता बनाता है। परिवार में कलह का सबसे बड़ा कारण मोह है। कलह, लोभ, मोह, माया से बचने के लिए श्रीराम कथा अमृत तुल्य है। श्रीराम कथा व सत्संग में बैठकर सुनने से आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति होती है। आज के कलिकाल में गृहस्थ को प्रतिदिन 24 घंटे में कम से कम 10 से 15 मिनट ही परमात्मा के लिए निकालकर परिवार के साथ नाम जप-कीर्तन करने मात्र से ही परमात्मा की कृपा दृष्टि आप के जीवन में सुख, शांति, धन, वैभव, यश की प्राप्ति होगी। इसी क्रम में कथा वाचक डा.ॉअखिलेश चंद्र पाठक ने कहा कि मानव जीवन में गुरु का होना आवश्यक है, क्योंकि अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने वाला गुरु ही होता है। सदगुरु के बताए सच्चे मार्ग पर चलने से परमात्मा की कृपा प्राप्त होती है। गुरु की शरण में रहने से मानव जीवन का कल्याण हो जाता है। इस अवसर पर शिवासरे गिरी, सुरेंद्र गिरी, मदन गुप्ता, योगेश, दीपक राय, चिंताहरण शास्त्री, प्रविंदर तिवारी समेत अनेक लोग मौजूद थे।

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