जीवनरक्षक उपकरण है पेसमेकरः डा. हरेन्द्रदेव सिंह

जौनपुर। जनपद ही नहीं, बल्कि पूर्वांचल के अस्पतालों से बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने में सुमार कृष्णा हार्टकेयर एवं इन्फर्टीलिटी सेन्टर निकट जेसीज चौराहा पर निःशुल्क प्रत्यारोपित पेसमेकर जांच शिविर का आयोजन हुआ। शिविर में वरिष्ठ चिकित्सक डा. हरेन्द्रदेव सिंह के अलावा लखनऊ से अपने साथ मशीन लेकर आए डा. चन्द्र प्रकाश ने मरीजों की जांच की। यह जांच पेसमेकर लगे मरीजों में पेसमेकर की कार्यशैली एवं शेष काम करने की अवधि का आकलन करती है। चिकित्सकद्वय ने बताया कि पेसमेकर के अचानक बंद हो जाने से होने वाली मौतों से बचाता है। पेसमेकर एक जीवन रक्षक उपकरण है जो हृदय रोगियों में लगायी जाती है। यह निश्चित रूप से हृदय रोगियों के लिए वरदान की तरह है। आजकल पेसमेकर की जीवन अवधि 15 से 20 साल तक हो गयी है। हृदयागति कम होने अथवा हार्ट फेल्योर अनियंत्रित होने पर इसका प्रत्यारोपण किया जाता है। प्रत्यारोपित उपकरण का मरीज जीवन के समस्त जीवन कार्यों को प्रतिपादित कर सकता है। पेसमेकर के मरीजों को अधिक चुंबकीय क्षेत्र, ट्रान्सफार्मर, विद्युत एवं मोबाइल से दूर रहना चाहिए। डा. सिंह ने बताया कि आज कुल 150 मरीजों का परीक्षण हुआ। जिन मरीजों का पेसमेकर बायोट्रानिक एवं बोस्टन का था, उनकी भी जाँच हुई। जाँच में जौनपुर, प्रतापगढ़, सुलतानपुर, आजमगढ़, भदोही, अम्बेडकरनगर के मरीजों ने अपने उपकरण की जांच करवायी तथा परामर्श लिया। साथ ही शिविर में पेसमेकर एवं प्रत्यारोपित मरीजों को सावधानियों के बारे में जागरूक किया गया। इस अवसर पर महिला रोग विशेषज्ञ डा. मधु शारदा, अस्पताल की डायरेक्टर श्रीमती सुमन सिंह, गगनेन्द्र सिंह, मुमताज, संतोष कुमार, शैलेन्द्र सिंह सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।

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