प्रदूषण रोकने को उठाये जांयेंगे और सख्‍त कदम, जुर्माने से हुई शुरुआत

प्रदूषण रोकने को उठाये जांयेंगे और सख्‍त कदम, जुर्माने से हुई शुरुआत

आगरा। दिन-प्रतिदिन बढ़ते वायु प्रदूषण पर लगाम को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) द्वारा दीपावली पर आतिशबाजी पर रोक लगाने के बाद प्रदूषण फैलाने वाले एडीए, जल निगम और आगरा स्मार्ट सिटी लिमिटेड पर पर्यावरण को क्षति पहुंचाने पर कार्रवाई की गई है। उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) ने तीनों पर 83 दिन तक पर्यावरण को क्षति पहुंचाने पर 31-31 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।

एडीए, जल निगम और आगरा स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा शहर में अलग-अलग स्थानों पर कराए जा रहे कार्यों में लापरवाही बरतकर पर्यावरण को क्षति पहुंचाई गई है। जल निगम द्वारा वेस्टर्न जोन, बोदला, पश्चिमपुरी, दहतौरा, लोहामंडी-बोदला रोड पर सीवर लाइन के काम में खोदाई में धूल नियंत्रण के उपाय नहीं किए जा रहे थे। आगरा स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा फतेहाबाद रोड को चौड़ा करने व सुंदरीकरण और ताजगंज में सीवर लाइन व पाइप लाइन बिछाने के काम में हुई खाेदाई से उड़ने वाली धूल को रोकने के लिए ना तो छिड़काव किया और ना ही पर्दे लगवाए। इसी तरह इनर रिंग रोड के काम में एडीए द्वारा निर्माण सामग्री से उड़ती धूल को रोकने के लिए इंतजाम नहीं किए गए थे। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के साथ ही यूपीपीसीबी को भी समय-समय पर किए गए निरीक्षण में कार्य स्थलों पर धूल उड़ते हुए मिली थी। यूपीपीसीबी ने तीनों को नोटिस जारी किए थे, इसके बावजूद उनके कार्य में सुधार नहीं हुआ। मंगलवार को यूपीपीसीबी ने एडीए, जल निगम और आगरा स्मार्ट सिटी लिमिटेड पर पर्यावरण को क्षति पहुंचाने कर कार्रवाई करते हुए लखनऊ मुख्यालय को पत्र भेज दिया। तीनों पर अगस्त से आठ नवंबर तक के लिए 93 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

यूपीपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी भुवन प्रकाश यादव ने बताया कि धूल नियंत्रण के लिए एडीए, जल निगम और आगरा स्मार्ट सिटी लिमिटेड को कई नोटिस भेजे गए। हर बार निरीक्षण में धूल कण उड़ते हुए मिले। तीनों विभागों को अगस्त से अब तक पर्यावरण को क्षति पहुंचाने का जुर्माना भरना होगा। 


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