गोपीपुर रामलीला में शिव धनुष टूटते ही लगे श्रीराम के जयकारे

सिरकोनी, जौनपुर। स्थानीय क्षेत्र के गोपीपुर गाँव में रविवार को बुढ़वा बाबा रामलीला समिति के तत्वावधान में सीता स्वयंवर व परशुराम-लक्ष्मण संवाद का भावपूर्ण मंचन किया गया। रामलीला का शुभारंभ मानसिक व न्यूरो रोग विशेषज्ञ डा. उत्तम गुप्ता ने फीता काटकर एवं समाजसेवी ओम प्रकाश सिंह ने राम-सीता जी की आरती उतारकर किया। रामलीला मंचन में सीता स्वयंवर में जब राजागण धनुष हिला न सके तो राजा जनक के मन में बेटी विवाह को लेकर चिंता व्याप्त हो गयी। हताश होकर उहोंने कहा कि तजहु आस नजी निज गृह जाहू, लिखा न विधि वैदेही वहि बाहु। उनके हताशा भरे वाक्य को सुनकर जहाँ लक्ष्मण का क्षत्रिय पुरुषार्थ जागृत हो उठा, वहीं विश्वामित्र ने राम को संकेत करके जनक का संताप दूर करने को कहा। इस पर रानी जब श्रीराम को धनुष शाला की ओर बढ़ते देखती हैं तो वे राजा से बालक को रोकने का आग्रह करती हैं। मगर ज्ञानी विदेह राज को विश्वामित्र के निर्णय पर अटल विश्वास था, इसलिए वे चुप रहते हैं। अन्त में राम शिव धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाने के लिए डोरी खीचते हैं तभी धनुष टूट जाता है। धनुष टूटते ही राजा का प्रण पूरा होता है और राम के गले में सीता वरमाला डालकर वरण करती हैं। इस दौरान राम के जयकारे से पूरा वातावरण गुंजायमय हो जाता है। फिर लक्ष्मण व परशुराम के संवाद देखकर दर्शक रोमांचित हो जाते हैं। लीला में राम का अभिनय प्रदीप सिंह, लक्ष्मण को नवनीत सिंह, सीता का आदर्श, जन का मनोज सिंह, परशुराम का बिरजू सिंह, विश्वामित्र का पप्पू महाजन, धोधुया का अनुज सिंह, सुपर्णखा का जैकी ने किया। इस अवसर पर प्रबंधक रवीन्द्र बहादुर सिंह, डायरेक्टर सूर्यभान सिंह, संतोष दादा, छोटे लाल सिंह, महामंत्री शिवशंकर सिंह, अखिलेन्द सिंह, अनुज सिंह, जैकी सिंह, अमित सिंह, हरिकेश सिंह, अरविन्द सिंह, रमेश सिंह, संतोष सिंह एडवोकेट, रजनीश चौबे, नीरज सिंह, भीम यादव, शैलेश यादव, विपिन राजभर, मीडिया प्रभारी वन्देश सिंह, प्रभाकर सिंह आदि उपस्थित रहे। अन्त में समस्त आगन्तुकों के प्रति आभार ग्राम प्रधान बांके लाल सरोज ने ज्ञापित किया।

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