आज एनडीए और महागठबंधन दोनों के लिए निर्णायक लड़ाई,करो या मरो के हालात
अपना गढ़ बचाए रखने की चुनौती
राजद, भाजपा, जदयू और कांग्रेस जैसी बड़े दलों के सामने पांच वर्ष पहले के प्रदर्शन को बरकरार रखने की चुनौती होगी। 2015 में दूसरे चरण की कुल सीटों में सबसे ज्यादा राजद के खाते में 33 आई थी। जदयू को 30 और भाजपा को 20 सीटों पर जीत मिली थी। महागठबंधन में रहते हुए कांग्रेस का सूखा भी खत्म हुआ था और उसके सात प्रत्याशी जीते थे। एक पर निर्दलीय को भी जीत मिली थी। महागठबंधन से जदयू के अलग होने के बाद राजग के खाते में कुल सीटें 50 हो गईं।
चिराग पर दोहरी जिम्मेवारी
दूसरे चरण में रामविलास पासवान के निधन के बाद चिराग पासवान के सिर पर दोहरी जिम्मेवारी है। दूसरे चरण में उनकी दो सिटिंग सीटें हैं। लोजपा ने इस बार 52 सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं। पुरानी सीटों को बरकरार रखते हुए उन्हें नई जमीन पर भी फसल उगानी है। भाजपा के प्रति वफादारी और जदयू से अदावत के चिराग के दावे की परीक्षा भी होनी है।
तीसरे फ्रंट की भी परीक्षा
राजग और महागठबंधन से अलग तीसरे मोर्चा भी हैसियत की तलाश में है। रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने मायावती की बसपा और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआइएमआइएम समेत छह दलों के साथ तीसरा फ्रंट खोल रखा है। दूसरे दौर में रालोसपा 36 और बसपा 33 सीटों पर लड़ रही है। दोनों के अपने-अपने सपने हैं। पूरे या अधूरे रहने पर कुशवाहा का भविष्य टिका है।
असली कुरुक्षेत्र राघोपुर
महागठबंधन के मुख्यमंत्री प्रत्याशी तेजस्वी यादव के लिए राघोपुर की लड़ाई कुरुक्षेत्र से कम नहीं है। सबसे अधिक चर्चा इसी क्षेत्र की है। यह लालू परिवार की परंपरागत सीट है। खुद लालू और राबड़ी देवी भी यहां से चुने जा चुके हैं। किंतु कहानी में नया मोड़ 2010 में आया था, जब 2010 में जदयू के टिकट पर सतीश राय ने राबड़ी देवी को यहां से हरा दिया था। इस बार फिर सतीश से ही चुनौती है, जो भाजपा के सिंबल पर किस्मत आजमा रहे हैं। इसलिए तेजस्वी के लिए राघोपुर की लड़ाई को आसान नहीं कहा जा सकता है। दूसरी बड़ी चर्चा में हसनपुर सीट के बारे में है, जहां से तेजप्रताप यादव मैदान में हैं। जदयू विधायक राजकुमार राय उनके सामने हैं। दो बार जीत चुके हैं। तीसरा मुकाबला तेज प्रताप से है।
इन मंत्रियों की परीक्षा
दूसरे चरण में राज्य सरकार के चार मंत्रियों से जनता हिसाब मांग रही है। भाजपा और जदयू के दो-दो मंत्री हैं। पटना साहिब से नंद किशोर यादव, नालंदा से श्रवण कुमार, मधुबन से राणा रणधीर और हथुआ से रामसेवक सिंह। परसा पर भी निगाहें टिकी हैं, जहां से लालू के समधी चंद्रिका राय जदयू के प्रत्याशी हैं। लालू ने उनके खिलाफ छोटेलाल राय को उतारा है। कई नेताओं के बेटे-बेटियों का भविष्य भी दांव पर है। बिहारी बाबू शत्रुघ्न सिन्हा के पुत्र लव सिन्हा पटना के बांकीपुर से कांग्रेस के प्रत्याशी हैं। शरद यादव की बेटी को कांग्रेस ने बिहारीगंज से उतारा है। हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव आर्य के पुत्र कौशल किशोर राजगीर से जदयू के टिकट पर लड़ रहे हैं। लोजपा ने चिराग पासवान के चचेरे भाई प्रिंस राज को रोसड़ा से उतार रखा है।
इनका दम भी कम नहीं
बिहार का चुनाव बाहुबलियों के लिए भी जाना जाता है। दूसरे चरण में ये भी कम नहीं हैं। सबसे चर्चित नाम काली पांडेय का है, जो कुचायकोट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। काली निर्दलीय जीतकर कभी लोकसभा तक पहुंच चुके हैं। अबकी विधानसभा जाने की जुगत में हैं। जैसा को तैसा के अंदाज में जदयू ने भी वहां से अमरेंद्र पांडेय को उतारा है। मटिहानी से जदयू के टिकट पर बोगो सिंह, एकमा से धूमल सिंह की पत्नी सीता देवी, खगडिय़ा से रणवीर यादव की पत्नी पूनम देवी भी मैदान में हैं। राजद ने पूर्व सांसद आनंद मोहन के पुत्र चेतन आनंद को शिवहर से लड़ाया है। टिकट से वंचित रहने पर लालगंज से मुन्ना शुक्ला ताल ठोक रहे हैं। महनार में रामा सिंह की पत्नी वीणा सिंह राजद से चुनाव लड़ रही हैं।
किसके सामने कौन
-पटना साहिब में भाजपा के नंद किशोर यादव के सामने कांग्रेस के प्रवीण कुशवाहा।
-नालंदा में जदयू के श्रवण कुमार के सामने कांग्रेस के गुंजन पटेल।
-मधुबन से भाजपा के राणा रणधीर के सामने राजद के मदन शाह।
-हथुआ में जदयू के रामसेवक सिंह के सामने राजद के राजेश कुशवाहा।
-परसा में जदयू के चंद्रिका राय के सामने राजद के छोटेलाल राय।
-हसनपुर में राजद के तेजप्रताप के सामने जदयू के राजकुमार राय
-बांकीपुर में भाजपा के नितिन नवीन के सामने कांग्रेस के लव सिन्हा।
कुल मतदाता : 2 करोड़ 86 लाख 11 हजार 164
प्रत्याशी : 1463
महिला : 146
मतदान प्रतिशत
2010 : 52.09
2015 : 56.24
किसके कितने प्रत्याशी
महागठबंधन
राजद - 56
कांग्रेस - 24
माकपा - 4
भाकपा - 4
माले - 6
राजग (एनडीए)
भाजपा - 46
जदयू - 43
वीआइपी - 5
अन्य
लोजपा : 52
रालोसपा : 36
बसपा : 33
राकांपा : 29
2015 के नतीजे
राजद : 33
जदयू : 30
भाजपा : 20
कांग्रेस : 07
लोजपा : 02
माले : 01
निर्दलीय : 01
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