अध्यक्षीय संबोधन में कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में प्रबंधन की आवश्यकता होती है। एक व्यवस्थित प्रबंधक ही किसी कार्य को सुदृढ़ रूप से कर सकता है। इस प्रकार के कार्यक्रम छात्रों के व्यक्तित्व विकास में सहायक होते हैं। आईआईटी रुड़की के प्रो. रांगणेकर ने कहा कि शिक्षकों एवं छात्रों को उच्चस्तरीय सोच के साथ आगे बढ़ना चहिए। उन्होंने बताया कि उच्च स्तरीय सोच में प्रमुख रूप से विश्लेषण, मूल्यांकन एवं सृजन पर जोर देना चाहिए। भारतीय सूचना एवं प्रबंध संस्थान ग्वालियर के प्रो मनोज पटवर्धन ने कहा कि छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाई करते समय किन बातों से कठिनाई उत्पन्न होती है उस पर शिक्षक ध्यान दें।
कार्यक्रम के संयोजक एवं संकायाध्यक्ष प्रो. अविनाश डी. पाथर्डीकर ने विषय प्रवर्तन में कहा कि पूर्वांचल विश्वविद्यालय ग्रामीण क्षेत्र के छात्रों में प्रबंधकीय क्षमताओं का विकास कर देश-विदेश में अपनी छाप छोड़ रहा है।
संचालन डॉ आशुतोष सिंह ने किया एवं अतिथियों का स्वागत प्रो. मानस पाण्डेय, प्रो. अजय द्विवेदी, प्रो. बी.डी. शर्मा ने किया।इस अवसर पर प्रो.एच.सी. पुरोहित, डॉ. अजय प्रताप सिंह, डॉ मनोज पांडेय. मुराद अली, डॉ सचिन अग्रवाल, डॉ. रसिकेश, डॉ. कमलेश मौर्य, श्री अभिनव श्रीवास्तव, श्री अनुपम कुमार, डॉ. धीरेंद्र चौधरी, श्री मनोज त्रिपाठी समेत छात्र-छात्राएं ऑनलाइन थे।
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