प्रबंधन अध्ययन संकाय के ओरिएंटेशन कार्यक्रम हुई चर्चा

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के प्रबंध अध्ययन संकाय द्वारा बुधवार को एक दिवसीय ओरिएंटेशन कार्यक्रम का ऑनलाइन आयोजन किया गया। तीन सत्रों के इस कार्यक्रम में कोविड-19 के बाद नई स्थिति में कारपोरेट की अपेक्षाएं एवं प्रबंधकीय तैयारी विषय पर आयोजित वेबिनार में आईआईटी मुंबई के पूर्व निदेशक एवं बेंनेट विश्वविद्यालय मुंबई के कुलपति प्रो रघुनाथन शेवगांवकर ने कहा कि सत्यनिष्ठाविश्वासपात्र एवं चरित्र तीन लक्षणों का समावेश सभी विद्यार्थियों को अपने व्यक्तित्व में विकसित करना चाहिएये तीनो लक्षण सर्वकालिक के साथ -साथ सभीदेश-काल एवं परिस्थितियों में प्रासंगिक हैं। विशिष्ट अतिथि अखिल भारतीय एच.आर.डी. नेट्वर्क के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री आलोक श्योपुरकर ने कहा कि भारत के युवा वर्ग का आत्मबल बहुत मजबूत है। उन्होंने कहा कि छोटे शहरों से आने वाले छात्रों के अंदर जुझारु प्रवृत्ति होती है। आने वाला समय संभावनाओं से भरा हैप्रबंध छात्रों को अपने अंदर समायानुकूल क्षमताओं का विकास करने की आवश्यकता है।  

अध्यक्षीय संबोधन में कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में प्रबंधन की आवश्यकता होती है। एक व्यवस्थित प्रबंधक ही किसी कार्य को सुदृढ़ रूप से कर सकता है। इस प्रकार के कार्यक्रम छात्रों के व्यक्तित्व विकास में सहायक होते हैं। आईआईटी रुड़की के प्रो. रांगणेकर ने कहा कि शिक्षकों एवं छात्रों को उच्चस्तरीय सोच के साथ आगे बढ़ना चहिए। उन्होंने बताया कि उच्च स्तरीय सोच में प्रमुख रूप से विश्लेषणमूल्यांकन एवं सृजन पर जोर देना चाहिए। भारतीय सूचना एवं प्रबंध संस्थान ग्वालियर  के प्रो मनोज पटवर्धन ने कहा कि छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाई करते समय किन बातों से कठिनाई उत्पन्न होती है उस पर शिक्षक ध्यान दें।
 
कार्यक्रम के संयोजक एवं संकायाध्यक्ष प्रो. अविनाश डी. पाथर्डीकर ने विषय प्रवर्तन में कहा कि पूर्वांचल विश्वविद्यालय ग्रामीण क्षेत्र के छात्रों में प्रबंधकीय क्षमताओं का विकास कर देश-विदेश में अपनी छाप छोड़ रहा है।
संचालन डॉ आशुतोष सिंह ने किया एवं अतिथियों का स्वागत प्रो. मानस पाण्डेयप्रो. अजय द्विवेदीप्रो. बी.डी. शर्मा‌ ने किया।इस अवसर पर प्रो.एच.सी. पुरोहितडॉ. अजय प्रताप सिंहडॉ मनोज पांडेय. मुराद अलीडॉ सचिन अग्रवालडॉ. रसिकेशडॉ. कमलेश मौर्यश्री अभिनव श्रीवास्तवश्री अनुपम कुमारडॉ. धीरेंद्र चौधरीश्री मनोज त्रिपाठी समेत छात्र-छात्राएं ऑनलाइन थे।


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