गुरुनानक ने हमेशा इंसानियत की हिफाजत का दिया पैग़ाम: मौलाना कल्बे हसनैन

गुरुनानक ने हमेशा इंसानियत की हिफाजत का दिया पैग़ाम: मौलाना कल्बे हसनैन

अज़हर अब्बास

सुलतानपुर

हिंदुस्तान एक ऐसा मुल्क है जहां हर धर्म के लोग निवास करते हैं। यहां सभी धर्मो के लोग मिलकर एक दूसरे के पर्वों में बढ़चढ़कर हिस्सा लेते हैं। यहां की गंगा-जमुनी तहजीब विश्व भर में मशहूर है। इसी को जिंदा करते हुए गुरूनानक जी के प्रकाश जन्मोत्सव के पावन पर्व पर सोमवार को शियाने हैदरे कर्रार वेलफेयर एसोसिशन सुलतानपुर के बैनर तले गंगा-जमुनी तहजीब को चरित्रार्थ किया गया। 
एसोसिशन के पदाधिकारी गुरूद्वारे में पहुंचे और यहां फल एवं पानी का वितरण किया। 


इस मौके पर गुरुद्वारा कमेटी की ओर से धर्म गुरू मौलाना कल्बे हसनैन ख़ावर को पत्रिक चिन्ह और शाल ओढ़ा कर सम्मानित किया। इस मौके पर मौलाना ने कहा कि गुरुनानक जी ने हमेशा इंसानियत की हिफाजत का पैग़ाम दिया। उनका कहना था कि धर्म मज़हब की दीवार तोड़ हर इंसान की मदद करें। मौलाना ने कहा की मैं इराक के शहर बगदाद में गया, जहां पर मैंने गुरुद्वारा देखा तो पूछा कि यहां सिख भाइयों का आना कैसे हुआ। पता चला कि स्वयं गुरुनानक जी बगदाद आए थे और 25 सालों तक उन्होंने इंसानियत का पैगाम दिया। यहां उनकी भेंट इमाम जाफरे सादिक़ के शिष्य बहलोल दाना से हुई, उनसे विस्तार से गुरूनानक जी ने चर्चा की। तत्पश्चात वहां से हिंदुस्तान लौटने के बाद उन्होंने लंगर प्रथा की शुरुआत की। यही वजह है कि आज सिख भाई हर दिन भूखों का पेट भरता है।
इसी क्रम में सिख भाई जिम्मी ने कहा कि हम गुरुनानक जी के प्रकाशकोत्स्व के मौके पर सभी को बधाई दी और आपसी भाई चारा सौहार्द्र और गंगा जमुनी तहजीब को आगे बढ़ाने के लिए एकजुट होने का संदेश दिया।

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