लखनऊ रेल मंडल कबाड़ बेचकर बना मालामाल, कोरोना काल में कमाए 48 करोड़

लखनऊ रेल मंडल कबाड़ बेचकर बना मालामाल, कोरोना काल में कमाए 48 करोड़

लखनऊ। कोविड-19 के दौरान जहां रेलवे को ट्रेनें बंद होने से अपनी गिरती आय को बचाने के लिए जूझना पड़ रहा है। वहीं लखनऊ रेल मंडल कोविड-19 के दौरान अपने स्क्रैप (कबाड़) को बेचकर मालामाल हो गया। पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल प्रशासन ने कोरोना काल में 48.23 करोड़ रुपये के स्क्रैप की नीलामी की है। दावा है कि यह किसी भी रेल मंडल में बेचा गया सबसे ज्यादा स्क्रैप है।

दरअसल कोरोना के कारण इस साल मार्च से ट्रेनों का संचालन बंद हो गया। वहीं पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल में माल ढुलाई से पंजाब जैसे राज्यों की तरह उतनी आय भी नहीं हो रही थी। ऐसे में डीआरएम डॉ. मोनिका अग्निहोत्री ने बेकार हो चुके स्क्रैप का रिकॉर्ड तैयार कराने के आदेश दिए। वरिष्ठ मंडल भंडार प्रबंधक प्रगति यादव ने पानी तक में डूबी पड़ी पटरियों, स्लीपर को ढूंढ निकालने के आदेश दिए। साथ ही निष्प्रयोज्य हो चुके इंजनों को भी ई-नीलामी करायी। निष्प्रयोज्य इंजन की ही नीलामी 48 लाख रुपये की रही। लखनऊ से लेकर गोरखपुर तक 347 लाटों में स्क्रैप को बेचा गया। रेलवे ने कुल 14990 मीट्रिक टन स्क्रैप को 48.23 करोड़ रूपये में बेचा।

शून्य स्क्रैप की तैयारी

रेलवे को अपने कबाड़ बेचकर बड़ी आमदनी की तैयारी कर रहे पूर्वोत्तर रेलवे ने पूरे रेल मंडल को शून्य स्क्रैप बनाने का आदेश दिया है। रेलवे अगले परिसर में कबाड़ बनकर खड़े रेल इंजन, बोगियों, पटरियों, स्लीपर व अन्य धातुओं की शत प्रतिशत नीलामी कर उसका निस्तारण करेगा।

क्या कहते हैं अफसर ?

लखनऊ पूर्वोत्तर रेलवे जनसंपर्क अधिकारी महेश गुप्ता के मुताबिक, रेलवे ने रिकॉर्ड 14990 मीट्रिक टन स्क्रैप की नीलामी कर 48.23 करोड़ रुपये की आय अर्जित की है। डीआरएम डॉ. मोनिका अग्निहोत्री के आदेश पर लखनऊ को शून्य स्क्रैप रेल मंडल बनाने की दिशा में तेजी से काम हो रहा है।

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