कांग्रेस ने सहकारी बैंकों की स्थिति की नष्ट,सुधारने को हमने दिए 800 करोड़:शिवराज सिंह चौहान

कांग्रेस ने सहकारी बैंकों की स्थिति की नष्ट,सुधारने को हमने दिए 800 करोड़:शिवराज सिंह चौहान

नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में शुक्रवार को आयोजित किसान संगठनों के महासम्मेलन बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस पर कर्ज माफी का आपना वादा पूरा नहीं करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने कर्ज माफी के अपने वादे को पूरा नहीं किया, एक नियमित डिफाल्टर बन गया और कभी राहत राशि वितरित नहीं की। ऋण माफी के नाम पर, कांग्रेस सरकार ने सहकारी बैंकों की स्थिति को नष्ट कर दिया। इसलिए उनकी हालत सुधारने के लिए, हमने 800 करोड़ रुपये दिए हैं।

उन्होंने आगे कहा, 'आज के कार्यक्रम के लिए सुबह आठ बजे तक 1.11 करोड़ किसानों ने पंजीकरण करवाया था।' इस कार्यक्रम के दौरान, सरकार उन किसानों के खातों में पहली किश्त जमा करेंगे, जिनकी फसल खराब हो गई थी।

किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर चलने वाला आंदोलन हो गया

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अनुषांगिक संगठन भारतीय किसान संघ ने कहा कि कृषि कानूनों को मौजूदा स्वरूप में लागू किए जाने के पक्ष में नहीं है। संगठन ने सरकार को सुझाव दिया है कि सुधार करके इसे लागू किया जाए, तभी यह किसानों के लिए लाभकारी होंगे। भारतीय किसान संघ के संगठन मंत्री दिनेश कुलकर्णी आगे कहा कि  किसान संगठनों के आठ दिसंबर को भारत बंद आंदोलन से दूर रहने पर कहा कि हम अगस्त से अपना काम कर रहे हैं। अध्यादेश आने के बाद सुधार को लेकर सरकार को सुझाव दिए हैं। आंदोलन को लेकर कहा कि शुरुआत से ही किसानों के कंधों पर बंदूक रखकर चलाने की बात हो रही थी।

पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने इसका विरोध किया। जबकि, उन्होंने पहले खुद कहा है कि किसानों को नुकसान उठाना पड़ता है इसलिए राहत देनी चाहिए। अब राजनीति ज्यादा हो रही है। पंजाब में सिर्फ धान और गेहूं की समर्थन मूल्य की बात कानून में है तो सवाल उठता है कि क्या वहां अन्य फसल नहीं होती है। राजस्थान सरकार ने समर्थन मूल्य की गारंटी सिर्फ अनुबंध खेती के लिए दी है। यह किसानों की आंखों में धूल झोंकने का काम है। यह आंदोलन राजनीतिक दिशा में जाने वाला है। ब्लेक एंड व्हाइट में बात नहीं हो सकती है। अब अच्छी बात यह हो गई है कि मामला सुप्रीम कोर्ट में चला गया है। अभी तक सबका प्रयास सिर्फ वार्ता को असफल करने का चल रहा था। कोर्ट ने समिति बनाने का जो सुझाव दिया है, उसका भारतीय किसान संघ स्वागत करता है। इसमें भारतीय किसान संघ सहित मान्यता प्राप्त संगठनों को रखा जाए।

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