मोक्षदा एकादशी का व्रत रखने से मरणोपरांत प्राप्त होता है मोक्षः डा. जयसिंह

गौराबादशाहपुर, जौनपुर। 25 दिसंबर को मोक्षदा एकादशी है। हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार आज से दिन बड़ा होने लगता है। आज का दिन हिंदू और हिंदुस्तानियों की संस्कृति और सभ्यता के अनुसार काफी महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि यह देश संता का नहीं, बल्कि सनातनीयों का है। उक्त बातें समाजसेवी डा. जयसिंह राजपूत ने प्रेस को जारी बयान मंे कही। उन्होंने आगे बताया कि यहां पर शंकराचार्य, तुलसी, कबीर, रविदास, बाल्मीकि जैसे संतों ने जन्म लिया है। यहां क्रिसमस ट्री नहीं, बल्कि मोक्षदायिनी तुलसी माता की पूजा की जाती है। यहां गोमांस खाने वाले पंत की नहीं, बल्कि सनातन धर्म को मान्यता दी जाती है, इसलिए हिंदुस्तान की सौ करोड़ हिंदुओं से आह्वान है कि ईसाइयत को छोड़कर हिंदू धर्म की परंपरा का निर्वहन करते हुए 25 दिसंबर को व्रत रखें। साथ ही मोक्ष की प्राप्ति एवं मानव मात्र की खुशहाली के लिए कुछ अच्छा करने की कोशिश करें। अन्त में उन्होंने कहा कि विदेशी परम्पराओं को त्याग करके क्रिसमस डे की बधाई देना बंद करें जिससे विदेशी परंपराओं परित्याग किया जा सके।

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