प्रख्यात अंतरिक्ष वैज्ञानिक रोड्डम नरसिम्हा के निधन पर पीएम मोदी ने जताया दुख, कहा-एक उत्कृष्ट वैज्ञानिक थे
बताया गया कि ब्रेन हेमरेज का शिकार होने के बाद उन्हें 8 दिसंबर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। प्रतिष्ठित भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) में सेवा देने वाले वैज्ञानिक ने सोमवार रात 8.30 बजे अंतिम सांस ली। शहर के रमैया मेमोरियल अस्पताल में न्यूरोसर्जन एवं वरिष्ठ सलाहकार डॉक्टर सुनील वी फुर्तादो ने कहा कि जब उन्हें हमारे अस्पताल में लाया गया था, तब वह काफी गंभीर अवस्था में थे। उनके मस्तिष्क के अंदर खून बह रहा था।
उनके अनुसार, नरसिम्हा को दिल से जुड़ी बीमारी थी और 2018 में उन्हें ब्रेन स्ट्रोक भी हुआ था। उनके पीछे उनकी पत्नी और एक बेटी है। 20 जुलाई, 1933 को जन्मे, प्रो नरसिम्हा ने एयरोस्पेस के क्षेत्र में द्रव डायनामिस्ट के रूप में एक पहचान बनाई। उन्होंने 1962 से 1999 तक IISc में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग सिखाई। उन्होंने 1984 से 1993 तक राष्ट्रीय एयरोस्पेस प्रयोगशालाओं के निदेशक के रूप में भी काम किया। वे जवाहरलाल नेहरू सेंटर फॉर एडवांस्ड साइंटिफिक रिसर्च (JNCASR)बेंगलुरु में 2000 से 2014 तक इंजीनियरिंग मैकेनिक्स यूनिट के अध्यक्ष थे।

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