उन्होंने बताया कि जल्द ही लगातार पूरे शहर में चाइनीज मांझा के विरूद्ध अभियान चलाया जायेगा। अगर किसी के पास उक्त मांझा बरामद हुआ तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जायेगी। इस अभियान के बाद पूरे मांझा विक्रेताओं में हड़कम्प मच गया है। इस दौरान उनके साथ नगर पालिका के हरिश्चन्द्र आदि रहे। बता दें कि चाइनीज मंझे से लगातार हो रही घटनाओं को लेकर आम जनता द्वारा कई वर्षों से चाइनीज मांझा की बिक्री एवं आयात पर रोक लगाने की मांग किया जा रहा है। आये दिन चाइनीज मांझा से जानलेवा घटनाएं हो रही हैं। गुरूवार को पालिटेकनिक चौराहे के पास उद्यान विभाग के सामने वाजिदपुर से नईगंज बुलेट मोटरसाइकिल से जाते समय अधिवक्ता सुशील मौर्य चाइनीज मांझा की चपेट में आने से गम्भीर रूप से घायल हो गये। मांझा से उनकी आंखों के पास गम्भीर चोटे आयी हैं।
संयोग ही था कि गला बच गया, अन्यथा बड़ी दुर्घटना सम्भावित थी। मांझा की चपेट में आने से जख्मी श्री मौर्य को आस-पास के लोगों ने बगल स्थित अस्पताल ले गये जहां 16 टांका लगाकर उनका उपचार किया गया। वहीं जनपद में चाइनीज मांझा की चपेट में आने से कई बच्चों सहित मोटरसाइकिल चालकों की मौतें हो चुकी है।
चाइनीज मांझे में होता है प्लास्टिकः
पतंग कारोबारी बताते हैं कि चाइनीज मांझे में प्लास्टिक होता है। इस वजह से यह आसानी से टूटता नहीं है। इसमें धार भी होती है। वैसे बाजार में मिलने वाले सभी मांझे घातक होते हैं लेकिन इनमें चाइनीज मांझा सबसे खतरनाक साबित होता है। मांझे से पक्षी ज्यादा शिकार होते हैं।
चाइनीज मांझा इनसे मिलकर बनता हैः
चाइनीज मांझे को विशेष तौर पर तैयार किया जाता है। चाइनीज मांझे को बनाने में कुल पांच प्रकार की केमिकल और अन्य धातुओं का प्रयोग किया जाता है। इनमें सीसा, वजरम नामक औद्योगिक गौंद, मैदा फलौर, एल्युमीनियम ऑक्साइड और जिरकोनिया ऑक्साइड का प्रयोग होता है। इन सभी चीजों के मिक्स होने पर तेज धार वाला चाइनीज मांझा तैयार होता है।
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