किसानों के मसीहा व वसूलों के पाबंद थे चौधरी साहबः डा. सत्येन्द्र सिंह

जौनपुर। राष्ट्रीय लोकदल द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री एवं किसानों के मसीहा चौधरी चरण सिंह का 118वां जन्मदिवस बुधवार को सिंचाई विभाग के डाक बगंले में स्थित चौधरी साहब की प्रतिमा के समक्ष जिलाध्यक्ष डा. सत्येन्द्र सिंह के नेतृत्व में किसान दिवस के रूप में मनाया गया। इस मौके पर सर्वप्रथम जिलाध्यक्ष श्री सिंह ने उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया जिसके बाद उपस्थित पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने माल्यार्पण करके श्रद्धांजलि अर्पित किया। इसके बाद किसान गोष्ठी का आयोजन हुआ जहां जिलाध्यक्ष डा. सिंह ने कहा कि चौधरी चरण सिंह ग्रामीण पृष्ठभूमि के बौद्धिक राजनीतिज्ञ थे। चौधरी साहब ने अपना राजनीतिक जीवन एक भूमि जोतने वाले, कृषि, कृषक मूल्यों तथा ग्रामीण भारत के मुखर वक्ता एवं रक्षक के रूप में शुरू किया था। कृषक, कृषि एवं ग्रामीण भारत के प्रति उनकी निष्ठा उनके चिंतन का केन्द्रीय बिन्दु रही तथा वे इसको क्रियान्वित करने के लिए पूरे राजनीतिक जीवन प्रयत्नशील रहे। चौधरी साहब के अनुसार भारत की 4 समस्या- गरीबी, बेरोजगारी, वैयक्तिक आय में भारी असमानता तथा काम न करने की कठिन प्रवृत्ति का अभाव विरासत में मिली है। जिलाध्यक्ष ने कहा कि चौधरी साहब ने हमेशा किसानों की आवाज उठाई। किसान उन्हें अपना मसीहा मानते थे। चौधरी साहब कहते थे कि जब तक किसानों की क्रयशक्ति नहीं बढ़ेगी तब तक औद्योगिक उत्पादों की खपत भी सम्भव नहीं है। चौधरी साहब वसूलों के पाबन्द थे। साफ-सुथरी राजनीति करते थे। उनके दिखाए रास्ते पर चलना ही उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी। प्रदेश महासचिव राम आसरे विश्वकर्मा ने चौधरी साहब के संघर्षों को याद दिलाते हुए उन्हें भारत रत्न देने की मांग किया। इसी क्रम में अमित यादव, राजेन्द्र प्रसाद यादव, अशोक यादव, सुनील सिंह, ऊदल यादव सहित अन्य वक्ताओं ने अपना विचार व्यक्त किया। अन्त में दिल्ली सीमा पर आन्दोलनरत किसानों के बीच शहीद हुए किसानों के लिए दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गयी। इस अवसर पर नागेन्द्र यादव, ऊधम सिंह यादव, अली हसन, तारिक अली खान, महेन्द्र विश्वकर्मा, एसए रिजवी, डीआर यादव, वंशलाल पाल, समरजीत, विनय कुमार, अरविंद यादव, मोहन निषाद, भैया लाल सहित तमाम लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन महासचिव रघुनाथ यादव ने किया।

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