रूह के ताहिर होने के लिये खाये पाक गिंज़ा-मौलाना क़मर गाज़ी

रूह के ताहिर होने के लिये खाये पाक गिंज़ा-मौलाना क़मर गाज़ी
अज़हर अब्बास
सुलतानपुर । चीनी मिल सैदपुर गांव में अंजुमन इत्तेहादे बैनल मुस्लेमीन के तत्वाधान में सालाना मजलिस का आयोजन किया गया। जिसमें आए हुए लोगों को मुजफ्फरनगर से आए मौलाना सै. कमर गाजी ने खिताब किया।
मजलिस को खिताब करते हुए मौलाना ने जिंदगी जीने के तरीके पर विस्तार से प्रकाश डाला। मौलाना ने कहा कि जो भी गेजा (भोजन) खाएं वो पाक (पवित्र) खाएं। इससे रूह (आत्मा) ताहिर (पवित्र) होती है। और रूह पवित्र होगी तभी इंसान खुद को गुनाह (पाप) से बचा सकता है। मौलाना ने ये भी कहा कि गेजा (भोजन) का असर हमारी-आपकी औलादों (बच्चों) पर पड़ता है, अगर पवित्र भोजन करेंगे तो औलाद नेक (अच्छी) होगी और अगर हराम गेजा खाएंगे तो होने वाली औलाद वालेदैन (मां-बाप) पर जुल्म कर सकते हैं।

मौलाना गाजी ने कहा कि जिस तरह हमारे समाज में एक ट्रेंड चल गया है कि राह चलते किसी ठेले से एक खजूर, एक मूंगफली उसे बगैर ठेले वाले की मर्जी के उठाकर खा लिया जाता है, उसे ना उसकी कीमत दी जाती है, न उसे राजी किया जाता है, ऐसा खाना ये हराम है। इसका असर औलाद पर पड़ता है।

वहीं मौलाना ने कहा कि जब ख़ुदा की कोई नेमत (उसके द्वारा दी गई किसी वस्तु) को इस्तेमाल करें तो उसका शुक्र (धन्यवाद) अदा करें तो वो और ज्यादा देगा और अगर शुक्र नहीं अदा किया तो वो उसे छीन लेगा। उन्होंने ये भी कहा कि जैसे आज इंटरनेट पैक है, ये खुदा द्वारा दी गई माल जैसी नेमत से मोबाइल में डलाया जाता है, अब इसका शुक्र ये है कि इंटरनेट का सही इस्तेमाल करें। एजुकेशन उससे हासिल करें तो नेमत बढ़ेगी अन्यथा अगर उस इंटरनेट का मिस यूज ग़लत चीजे देखी जाएं तो ये नेमत का इंकार है।
इस मौके पर मौलाना सफदर जैदी, जमीर सैदपुरी, हाजी शमीम हैदर कर्बालाई, गमखार हुसैन, शबीह अहमद रिजवी, अमन सुलतानपुरी, मुजाहिद अकबर आदि लोग मौजूद रहे।

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