शोहदे से परेशान छात्रा ने लगा ली फांसी,पुल‍िस ने समय रहते सुन ली होती तो न जाती जान

शोहदे से परेशान छात्रा ने लगा ली फांसी,पुल‍िस ने समय रहते सुन ली होती तो न जाती जान

लखनऊ। राजधानी में मिशन शक्ति अभियान जोर शोर से चल रहा है। महिला अपराध पर नियंत्रण के दावे किए जा रहे हैं, लेकिन हकीकत कुछ और ही है। जानकीपुरम में बीकाम की छात्रा ने शोहदे से परेशान होकर आत्महत्या कर ली। खास बात यह है कि छात्रा ने 1090 और डायल 112 पर शिकायत कर मदद की मांग की थी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की थी। छात्रा की मौत के बाद पुलिस आरोपित को गिरफ्तार कर पीठ थपथपा रही है।

छात्रा ने शुक्रवार शाम को अपने कमरे में फांसी लगाई थी। छात्रा ने बाथरूम के भीतर नल चालू कर दिया था, जिससे घरवालों को लगा कि वह स्नान कर रही है। काफी देर तक जब नल बंद नहीं हुआ तो छात्रा की मां बाथरूम में गई। बाथरूम के भीतर कोई नहीं था, जिसपर उन्होंने नल बंद कर दिया और बेटी को आवाज लगाई। बेटी ने जब कोई प्रतिक्रिया नहीं दी तो घरवाले कमरे का दरवाजा तोड़कर भीतर दाखिल हुए। कमरे में छात्रा फंदे पर लटकी मिली। फंदे से छात्रा को नीचे उतारकर परिवारजन ट्रामा सेंटर लेकर गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। छात्रा की मौत से आक्रोशित घरवालों ने शव को ट्रामा सेंटर परिसर में ही रखकर हंगामा शुरू कर दिया। प्रदर्शन की जानकारी पर पुलिस अधिकारी वहां पहुंचे और घटना की जानकारी ली। इसके बाद आननफानन जानकीपुरम थाने में आरोपित आदर्श उर्फ शुभम मौर्या के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने की रिपोर्ट दर्ज की गई।

सात माह से परेशान कर रहा था आरोपित

छात्रा के पिता का आरोप है कि करीब सात माह से सेक्टर छह जानकीपुरम निवासी आदर्श उर्फ शुभम बेटी का पीछा कर रहा था। आरोपित आए दिन छात्रा को फोन कर अभद्र भाषा का इस्तेमाल करता था। फोन करके वह उससे मिलने का दबाव बनाता था। मानसिक रूप से परेशान होकर छात्रा ने 1090 पर दो माह पहले शिकायत की थी। यही नहीं डायल 112 पर फोन कर छात्रा ने आरोपित के बारे में बताया था। इस दौरान पुलिस भी पहुंची थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की और उल्टा छात्रा को ही समझाकर लौट गई। छात्रा के पिता का कहना है कि लोकलाज के डर से उन लोगों ने जानकीपुरम थाने में शिकायत नहीं की थी।

डर के कारण नहीं जा रही थी कालेज

छात्रा के भाई का आरोप है कि उसकी बहन आरोपित के डर के कारण कालेज जाना छोड़ चुकी थी। आरोपित खुद को सत्ता पक्ष का नेता बताता है, जिससे पुलिस उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही थी। पीडि़त परिवार ने बताया कि गुरुवार शाम को भी आरोपित ने छात्रा को फोन किया था। छात्रा की मां ने जब फोन पर आरोपित को समझाने की कोशिश की तो उसने उन्हें भी धमकी दी थी।

जान चली गई तो जागी पुलिस

घटना की जानकारी जब उच्चाधिकारियों को हुई तो उन्होंने तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके बाद पुलिस आरोपित के घर पर दबिश देकर उसके घरवालों को थाने उठा लाई। इस बीच सत्ता पक्ष के कई नेता आरोपित की पैरवी में थाने पहुंच गए। हालांकि पुलिस ने उनकी एक न सुनी। छात्रा के पिता का कहना है कि बेटी की मौत के बाद पुलिस हरकत में आई है। अगर पुलिस ने पहले कार्रवाई की होती तो आज मेरी बेटी जिंदा होती।

'परिवारजन की तहरीर पर एफआइआर दर्ज कर ली गई है। आरोपित शुभम को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, जिससे पूछताछ हो रही है। छात्रा और शुभम पूर्व परिचित थे। पुलिस पर लगे आरोपों की जांच एसीपी अलीगंज को सौंपी गई है। जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।   -राजेश कुमार श्रीवास्तव, एडीसीपी उत्तरी  

Post a Comment

0 Comments