त्रिपक्षीय अधिकार सृजन पर लगी रोक

त्रिपक्षीय अधिकार सृजन पर लगी रोक
गुड़गांव। श्रवण गुप्ता द्वारा नियंत्रित एमजीएफ डेवलपमेंट्स को हाल ही में एनसीएलटी द्वारा गुड़गांव में 3.65 एकड़ भूमि पार्सल पर तीसरे पक्ष के अधिकार सृजन करने से रोक दिया गया है, कि एमार का दावा है कि यह भूमि पूर्ववर्ती संयुक्त उद्यम एमएएआर एमजीएफ से संबंधित था। एमार ने अपनी याचिका में कहा कि एमजीएफ ने एनसीएलटी द्वारा एमार एमजीएफ की डीमर्जर योजना को मंजूरी दिए जाने के एक महीने बाद ही गुड़गांव के ग्राम घाटा में स्थित भूमि पार्सल के अधिकारों के हस्तांतरण की मांग की। एमार ने यह कहते हुए स्थानांतरण की चुनौती दी कि भुमि पार्सल एनसीएलटी द्वारा दाे तत्‍कालीन साझेदारों की डीमर्जर योजना के लिए पारित आदेश का हिस्‍सा नहीं था। हालांकि एमजीएफ ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि जमीन मूल रूप से मेसर्स एक्टिव और मेसर्स सिद्धिविनायक की थी। जिसे बाद में मेसर्स कार्यों में स्‍थानांतरित कर दिया गया, एमार ने 8 फरवरी 2018 को श्रवण गुप्ता के स्वामित्व से नियंत्रित एमजीएफ के एक पत्र का हवाला दिया। जिसमें साफ उल्लेख किया गया था कि 3.65 एकड़ भूमि के अधिकार एमार एमजीएफ के पास होंगे। एनसीएलटी बेंच ने एमजीएफ के दो विसंगत तर्कों को संज्ञान में लेते हुए एमजीएफ को निर्देश दिया है कि अगले आदेश तक भूमि पर किसी भी तीसरे पक्ष के अधिकारों का निर्माण न करें। एमार द्वारा दायर एक मामले पर सुनवाई के दौरान यह फैसला आया है। उक्त मामले में श्रवण गुप्‍ता के स्वामित्व और नियंत्रण वाली एमजीएफ डेवलपमेंन्‍ट्स लिमिटेड, एवं स्‍वयं श्रवण गुप्‍ता, उनकी पत्नी और उनके अन्‍य सहयोगियों के खिलाफ 2400 करोड रुपए के वित्‍तीय हेरफेर के मामले की विस्तृत जांच की जा रही है। जिसमें संयुक्‍त उद्यम के दौरान न्‍यायिक जिम्‍मेदारी के उल्लंघन और विश्‍वासघात का आरोप एमार की ओर से लगाया गया है। मामले को 14-15 जनवरी 2021 को आगे सुनवाई की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।

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