ओवैसी ने खुद को सियासत की लैला बताया,जानिए कौन है ओवैसी के मजनू

ओवैसी ने खुद को सियासत की लैला बताया,जानिए कौन है ओवैसी के मजनू

आजमगढ़ । जिले में पंहुचे एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार को विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सपा सहित कुछ राजनीतिक दल सिर्फ सोशल मीडिया पर नजर आते हैं वे जमीनी हकीकत से दूर है। वहीं उन्होंने खुद को राजनीति की लैला करार दिया और कहा है उनके कई मजनू है जो उनके बारे में बोले बिना रह ही नहीं सकते। वहीं ओवैसी ने यूपी चुनाव को लेकर भी बड़ी घोषणा कर दी। साथ ही भरोसा दिलाया कि जल्द ही सभाओं का दौर शुरू करेंगे।
प्रदेश अध्यक्ष शौकत माहुली के आवास पर मीडिया से बात करते हुए ओवैसी से कहा कि समाजवादी पार्टी और दूसरी पार्टियां जमीन पर कहीं नहीं हैं यह सिर्फ सोशल मीडिया पर नजर आती हैं। आज जनता मोर्चे की तरफ उम्मीद भरी निगाहों से देख रही है हम 2022 में बड़ा उलटफेर करेंगे।
बिहार चुनाव में बीजेपी की मदद के आरोप पर उन्होंने कहा कि भारत की राजनीति में कोई लैला है तो मैं हूं, मेरे कई मजनू हैं। बिहार में भी हमारी पार्टी सेक्युलर मोर्चे के साथ थी जिसकी अगुवाई कुशवाहा कर रहे थे। मेरा मकसद होता है मेरे मोर्चे के लोग जीते। मैं यह क्यों देखुंगा कि कौन जीतेगा कौन हारेगा। चुनाव में एक जीतता है तो दूसरा हारता है। इस देश में जो गुलामी के जेहनियत के लोग है कहते हैं कि आप चुनाव मत लड़िये आप सिर्फ थाली बजाइये और हमें वोट दीजिए। इन्हें समझना होगा कि भारत की राजनीति बदल चुकी है। अब हम अपना हिस्सा चाहते हैं। हम हिस्सेदारी की लड़ाई लड़ रहे हैं। अब हम न तो थाली बजाएंगे और ना ही सिर्फ वोट करेंगे। बल्कि अपने हक के लिए लड़ेगे।
उन्होंने कहा कि जो लोग मोर्चे को चार दिन की बहार कह रहे हैं उन्हें 2022 में पता चल जाएगा। भागीदार संकल्प मोर्चा ओमप्रकाश राजभर के नेतृत्व में बना है और 2022 के चुनाव में बड़ा फेरबदल करेगा। उन्होंने कहा कि कोरोना के चलते कुछ प्रतिबंध है जिसका पालन किया जा रहा है। अब वैक्सीन लग रही है। हमें उम्मीद है कि अगले दो महीने में सभाओं की अनुमति मिलने लगेगी। इसके बाद हम ओमप्रकाश राजभर के साथ पूरे यूपी का दौरा करेंगे और सभाएं भी की जाएगी। वोट कटवा के आरोप पर कहा कि जिन्हें डर होता है वही इस तरह की बाते करते हैं। इसी दौरान सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव और 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की हैसियत मालूम हो जाएगी। भाजपा जिस ढंग से आकाश में उड़ रही है वह जमीन पर धूल चाटती नजर आएगी। बीजेपी के लोग भागीदारी मोर्चे के गठन से तिलमिला रहे, क्योंकि हम वोट की बात नहीं, बल्कि भागीदारी की बात कर रहे हैं।

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