कम हो रही रसोई गैस की सब्सिडी,उपभोक्ता हो रहे परेशान

कम हो रही रसोई गैस की सब्सिडी,उपभोक्ता हो रहे परेशान

गोरखपुर। सरकार एक तरफ हर परिवार तक गैस मुहैया कराने की बात कहकर सभी अमीर-गरीब परिवारों को गैस कनेक्शन उपलब्ध करा रही है। जबकि चुपके से पेट्रोलियम कंपनियों व सरकार ने रसोई गैस की कीमतों को बढ़ा कर सब्सिडी की कमी कर दी है। वर्तमान में महराजगंज जिले में 765 रुपये में मिलने वाले गैस पर मात्र 62 रुपये सब्सिडी मिल रही है, जिसके कारण रसोई गैस की वास्तविक कीमत 703 रुपये पड़ रही है।

सिलेंडर का दाम बढ़ना एक छलावा

निचलौल के बहुआर निवासी रामनिधि पटेल ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में पहले लकड़ी, गन्ने के पत्‍ते सहित कई अन्‍य साधन थे। गैस के उपयोग से अब सब समाप्त हो गया है। हर घर गैस होने और निर्भरता बढ़ने के बाद गैस का दाम बढ़ना लोगों के साथ छलावा है। सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए।

रसोई गैस पर हो गई है निर्भरता

ओबरी निवासी दिलीप गुप्ता ने कहा कि खाना बनाने के लिए अब लगभग सभी परिवारों की निर्भरता रसोई गैस पर हो गई है, लेकिन अचानक बढ़े गैस के दाम से लोगों की मुश्किलें बढ़ गईं हैं। इतनी महंगी गैस से खाना कैसे बनेगा, इसकी चिंता सताने लगी है।

कंपनियों ने चुपके से बढ़ा दिए दाम

घोड़ाहवा निवासी अशोक गौड़ ने कहा कि सरकार और कंपनियों ने चुपके-चुपके रसोई गैस के दाम बढ़ा दिए। साथ ही सब्सिडी भी कम कर दी है, जिससे अब सिलेंडर की कीमत सात सौ से ज्यादा पड़ रही है, जो एक गरीब परिवार के लिए बहुत ज्यादा है।

सरकार और तेल कंपनियों की मिलीभगत से मजदूर हो रहे परेशान

निचलौल निवासी शिवनाथ मद्धेशिया का कहना है कि सरकार और तेल कंपनियों के मिलीभगत में गरीब मजदूर परेशान हो रहा है। पहले लकड़ी व अन्य ईंधन के साधन से लोगों को दूर कर दिया गया। और अब गैस के दाम बढ़ा दिए गए हैं। ऐसे में गरीबों के घर चूल्हे कैसे जलेंगे।

गैस सब्सिडी देना सरकार की जिम्‍मेदारी

गैस एजेंसीकर्मी मोहर्रम अली ने कहा कि गैस कंपनियों द्वारा निर्धारित मूल्य लेना हमारी मजबूरी है। गैस सब्सिडी देना सरकार की जिम्मेदारी है, जो सब्सिडी सरकार निर्धारित करेगी। वह स्वयं उपभोक्ताओं के खाते में चला जाएगा।

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