विश्व पटल पर ज्ञान आभा प्रसारित करें शिक्षित प्रतिभाएंः ज्ञान प्रकाश सिंह

जौनपुर। नगर के टीडी इण्टर कालेज के पुनर्निर्मित रसायन विज्ञान प्रयोगशाला का लोकार्पण समाजसेवी ज्ञान प्रकाश सिंह द्वारा किया गया। तत्पश्चात् उन्होंने बतौर मुख्य अतिथि कहा कि तिलकधारी इण्टर कालेज प्रदेश की सर्वाधिक प्रतिष्ठित संस्था है। इस संस्था की प्रयोगशाला आधुनिक संसाधनों से परिपूर्ण होना चाहिए। उन्होंने संस्था को विश्वास दिलाते हुए कहा कि संस्था के सर्वांगिण विकास हेतु हम सतत् प्रयत्नशील रहेंगे जिससे यहां से शिक्षित प्रतिभाएं विश्व पटल पर अपनी ज्ञान आभा प्रसारित करती रहें। इसी क्रम में प्रधानाचार्य डा. वीरेन्द्र प्रताप ने स्वागत करते हुए कहा कि संस्था समाज के आलोक स्तम्भ के रूप में कार्य करते हुए शैक्षणिक उपलब्धियों का प्राप्त करने हेतु सदैव प्रयत्नशील रहेगी। प्रबन्धक सत्य प्रकाश सिंह ने कहा कि प्रबन्ध तंत्र संस्था को कभी भी अभावग्रस्त नहीं होने देगा। इस दौरान युगपुरूष स्वामी विवेकानन्द जयंती समारोह का भी आयोजन हुआ। इस सन्दर्भ में ‘विवेकानन्द हमारे प्रेरणा स्रोत नामक प्रकरण पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। प्रतियोगिता के वरिष्ठ संवर्ग में 11 कला वर्ग की छात्रा शुभि सिंह को प्रथम, 12 विज्ञान के छात्र अनूप उपाध्याय को द्वितीय एवं 11 विज्ञान छात्रा अंजली मौर्या को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ। इसी तरह जूनियर वर्ग में अभय प्रजापति को प्रथम, साक्षी को द्वितीय एवं काजल शर्मा को तृतीय स्थान प्राप्त  हुआ। भाषण प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय, एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया गया। मुख्य अतिथि ज्ञान प्रकाश सिंह को संस्था के प्रधानाचार्य एवं  प्रबन्धक द्वारा स्मृति चिन्ह एवं अंगवस्त्रम प्रदान कर सम्मानित किया गया। वहीं पियूषी विश्वकर्मा व खुशी अग्रहरी द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना का श्रवण कर जनसमुदाय आध्यात्मिक भावना से ओत-प्रोत हो गया। जोया व मुस्कान स्वागत गीत प्रस्तुत किया। इस अवसर पर रविन्द्र सिंह, वी0पी0 सिंह, जनार्दन सिंह, रमेश चन्द्र, संजय सिंह, दिनेश सिंह, प्रो. तिलकधारी सिंह, प्रदीप सिंह, धर्मेन्द्र सिंह, डा. अयोध्या प्रसाद, हृदय सिंह, शशिकला सिंह, डा. प्रीति उपाध्याय, नम्रता सिंह, सरिता सिंह, बद्री सिंह, हरि नारायण यादव, गीता देवी सहित तमाम लोग उपस्थित रहे। समारोह की अध्यक्षता प्रबन्धक सत्य प्रकाश सिंह एवं संचालन डा. सुनील सिंह ने किया। अन्त में प्राधानाचार्य डा. वीरेन्द्र प्रताप सिंह ने समस्त आगंतुकों के प्रति आभार व्यक्त किया।

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