यहां दिन ढलते ही मनोरोगी की दहशत से घर से निकलने से घबराते है लोग,जानिए पूरा मामला

यहां दिन ढलते ही मनोरोगी की दहशत से घर से निकलने से घबराते है लोग,जानिए पूरा मामला

प्रयागराज। कौशांबी जनपद के पिपरी कोतवाली के कसेंदा गांव में इधर कुछ दिनों से एक मनोरोगी शखस की हरकतों से लोग परेशान हैं। आलम यह है कि सड़क पर उसे देखकर दूर से ही गुजरते है क्योंकि वह अचानक ईट या डंडे से हमला कर देता है। लोगो से छीनाझपटी भी करता है। उसके हमले में कई लोग जख्मी हो चुके हैं आतंक फैला हुआ है। ग्रामीणों के अनुसार रविवार रात भी उस व्यक्ति न एक महिला समेत दो व्यक्तियों पर घातक हमला कर दिया था। चीख पुकार सुनकर जुटे ग्रामीणों के बीच बचाव करने पर उनकी जान बच सकी। इस बारे में पुलिस को भी बताया गया है लेकिन पुलिस का कहना है कि मनोरोगी को थाने लाकर क्या किया जा सकता है। उसे स्वास्थ्य विभाग की टीम को ले जाकर इलाज कराना चाहिए या मेंटल हॉस्पिटल में भर्ती कराया जाए।

हमला करता है और छीनाझपटी भी

बताया गया कि यह शख्स पिपरी इलाके में ही रेही गांव का एक रहने वाला है। उसकी मानसिक हालत बेहद खराब हो चुकी है। वह कसेंदा गांव में अपने एक रिश्तेदार के घर पर रहता है। लोगों का कहना है कि आमतौर पर वह दिन ढलने के बाद ही ऊलजलूल हरकतें और हमले करता है। वह सड़क पर भागता है और कोई भी सामने मिल गया तो उस पर हमलावर हो जाता है। फिर चाहे वह महिला हो या कोई बच्चा या बुजुर्ग। वह डंडे से वार कर देता है या फिर पत्थर और ईंट से प्रहार करता है। उसके हमले में कई लोग जख्मी हो चुके हैं। किसी का सिर फटा तो किसी के हाथ या पेट पर चोट पहुंची। हमले के अलावा वह लोगों से छीनाझपटी भी करने लगा है। अगर कोई दुकान से कोई सामान लेकर जा रहा है तो उससे छीनने का प्रयास करता है। बैग और थैला भी छीनकर भागता है। लोगों का कहना है कि मानसिक रोगी युवक किसी दिन कोई अनहोनी कर सकता है।

सो रहे व्यक्ति और महिला का गला दबाने लगा तो मची चीख पुकार

रविवार शाम समय करीब दस बजे वह कसेंदा गांव निवासी रामबाबू पुत्र स्वर्गीय बांगा के घर पहुंच गया। वह घर के बरामदे में सो रहे रामबाबू को उसी के गमछे का फंदा बना कर गर्दन में फंसा कर खींचने लगा। चीख पुकार सुनकर जुटे ग्रामीणों ने बीच बचाव किया तो रामबाबू की जान बच सकी । लोगों ने डायल 100 पुलिस को सूचना दी। वहां पुलिस पहुंची लेकिन किया कुछ नहीं। कुछ देर बाद ही उसी मनोरोगी ने उदय सिंह पुत्र स्वर्गीय भारत लाल के घर में दरवाजे पर बर्तन धुल रही उनकी पत्नी सावित्री देवी का गर्दन अपने  हाथों से दबाने लगा। सावित्री की चीख सुनकर परिवार के लोग भागकर आए तो किसी तरह मनोरोगी को वहां से हटाकर जान बचाई। सावित्री के पुत्र दीपांशु ने पुलिस से इस बारे में शिकायत की है। शिकायत पर पुलिस का कहना है कि उस युवक को इलाज की जरूरत है। उसे हवालात में नहीं बंद किया जा सकता है। स्वास्थ्य विभाग को सूचना दी जाएगी। इधर ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना हुआ है।


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