लोक साहित्य संरक्षण में अनुवाद की बड़ी भूमिकाः कुलपति

सिद्दीकपुर, जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग द्वारा अंतरराष्ट्रीय मातृ भाषा दिवस पर मातृ भाषा के संवर्द्धन में अनुवाद की भूमिका विषयक वेबिनार का आयोजन हुआ। इस दौरान पूविवि की कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि लोक साहित्य, लोक कहानियां, लोक गीतों के संरक्षण के लिए अनुवाद की महत्वपूर्ण भूमिका है। साथ ही कहा कि भाषा का विस्तार हुआ है। काशी हिंदू विश्वविद्यालय हिंदी विभाग के प्रोफेसर अनूप वशिष्ठ बतौर मुख्य अतिथि ने कहा कि अनुवाद रचनात्मकता से बड़ा कार्य है। दो भाषाओं के ज्ञान के साथ ही उसकी संस्कृति, प्रकृति व परम्परा का भी ध्यान देना चाहिए। विशिष्ट अतिथि यात्रा लेखिका डा. कायनात काजी ने कहा कि ज्ञान के प्रसार में भाषा के अवरोध को  हटाने में अनुवादकों की बड़ी भूमिका है। साथ ही प्रो. मानस पाण्डेय, प्रो. अविनाश पाथर्डीकर आदि ने भी विचार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन एवं विषय प्रवर्तन जनसंचार विभाग के अध्यक्ष डा. मनोज मिश्र एवं धन्यवाद ज्ञापन डा. सुनील कुमार ने किया। कार्यक्रम सचिव डा. दिग्विजय सिंह राठौर ने स्वागत किया। इस अवसर पर प्रो. देवराज सिंह, प्रो. राजेश शर्मा, डा. राकेश यादव, डा. जगदेव, डा. प्रमोद यादव, डा. मनीष गुप्ता, डा. रसिकेश, डा. जान्हवी श्रीवास्तव, अन्नू त्यागी, डा. मनोज पांडेय, डा. राधा ओझा, डा. अवध बिहारी सिंह आदि उपस्थित रहे।

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