इब्सेन ने नार्वे के साहित्य जगत को नई दिशा दी : प्रो.मौर्य

इब्सेन ने नार्वे के साहित्य जगत को नई दिशा दी : प्रो.मौर्य
अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार का हुआ आयोजन 

जौनपुर । वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफ़ेसर निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि नार्वे की जनता के राष्ट्रीय प्रतीक लोकप्रिय साहित्यकार इब्सेन वहां के साहित्यकारों में प्रमुख स्थान रखते हैं। उन्होंने वहां के साहित्य जगत को एक नई दिशा देने का काम किया । उनके प्रसिद्ध नाटक
ऐन एनिमी ऑफ द पीपल, घोस्ट्स, द लेडी फ्राम द सी, ए डॉल्स हाउस, द वाइल्ड डक, आदि आधुनिक चिंतन से परिपूर्ण यथार्थवादी नाटक हैं।
कुलपति प्रोफेसर मौर्य शनिवार की शाम एक अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार में बोल रही थीं। यह वेबिनार भारतीय- नार्वेजियन सूचना एवं सांस्कृतिक फोरम ओस्लो (नार्वे)के द्वारा नार्वे के प्रसिद्ध नाटककार हेनरिक जोहान इब्सेन के रचनात्मक योगदान विषय पर आयोजित की गई थी।
कुलपति ने कहा कि साहित्यकार इब्सेन के कारण नार्वे में यथार्थवादी नाटकों का जन्म हुआ। भारतीय समाज हो या पश्चिमी समाज नारी की स्थिति में समानताएं एक जैसी रहीं। ओस्लो के पूर्व टाउन मेयर और पर्यावरण फोरम के अध्यक्ष थूरस्ताइन विंगेर ने नाटककार कवि व थिएटर निर्देशक के रूप में इब्सेन के योगदान की विस्तार से चर्चा की।
वेबिनार में कार्यक्रम के संयोजक सुरेश चंद्र शुक्ल ने नाटककार इब्सेन के व्यक्तित्व की चर्चा करते हुए काव्य पाठ किया। इस वेबिनार में बर्लिन, यूके, यूएसए, ओस्लो, स्वीडन और भारत से जुड़े अनेक रचनाकारों ने काव्य पाठ किए और नाटककार इब्सेन के व्यक्तित्व और कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला।

Post a Comment

0 Comments