योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियों से ही सम्पूर्ण स्वास्थ्य सम्भवः हरीमूर्ति

जौनपुर। योग, आयुर्वेद एवं प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियाँ ही वह विधायें हैं जिससे कोई भी साध्य अथवा असाध्य बिमारियों से व्यक्ति छुटकारा पाकर पूर्णतः स्वस्थ हो सकता है और यह सभी पद्धतियां बिना किसी दुष्प्रभाव के व्यक्ति के सभी तन्त्रों को निरन्तर सशक्त बनाता रहता है। उक्त बातें पचहटियाँ स्थित हरीमूर्ति वाटिका में पतंजलि योग परिवार के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पतंजलि योग समिति के प्रान्तीय सह प्रभारी अचल हरीमूर्ति ने कही। उन्होंने बताया कि मिट्टी चिकित्सा के साथ मालिश चिकित्सा, जल चिकित्सा, भाप चिकित्सा, पंचकर्म व षष्टकर्म ऐसी निरापद चिकित्सा प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियां हैं जिसे हर व्यक्ति को वर्ष में कम से कम एक बार तो अवश्य करानी चाहिये। इस अवसर पर युवा भारत के प्रभारी डा. हेमन्त कुमार, डा ध्रुवराज, नन्द लाल, कुलदीप योगी, विकास योगी, डा. चन्द्रसेन, राजकुमार, मोनू, सुभाष चंद्र, शैलेश कुमार सहित तमाम साधक उपस्थित रहे।

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