जेल से मांगी पांच लाख की रंगदारी,नहीं मिली तो छूटने के बाद घेरकर मारी गोली

जेल से मांगी पांच लाख की रंगदारी,नहीं मिली तो छूटने के बाद घेरकर मारी गोली

गोरखपुर। जेल से छूटे से शातिर बदमाश सन्नी व युवराज सिंह ने गगहा में जिला पंचायत सदस्य के दावेदार रितेश मौर्य, दुकानदार शंभू मौर्य व उनके कर्मचारी संजय पांडेय की हत्या की थी। घटना के तार 2013 में हुए तिहरे हत्याकांड से जुड़े हैं। वारदात को अंजाम देने वाले सन्नी उर्फ मृगेंद्र व युवराज सिंह उर्फ राज फरार हैं। हत्या में शामिल उनके छह सहयोगियों को गगहा पुलिस व क्राइम ब्रांच की टीम ने गिरफ्तार कर लिया। एक आरोपित पहले ही जेल जा चुका है। फरार चल रहे मुख्य आरोपित सन्नी व युवराज पर 25-25 हजार का इनाम घोषित किया है।

यह है मामला

एसएसपी दिनेश कुमार पी ने बताया कि वर्ष 2013 में सन्नी सिंह व टिका सिंह ने रंगदारी के लिए गगहा निवासी व्यापारी कन्हैया के परिवार के तीन लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। कन्हैया की तहरीर पर केस दर्ज कर पुलिस ने आरोपितों को जेल भेज दिया। गोरखपुर जेल में गुटबाजी करने पर सनी को मेरठ भेज दिया गया। चार साल पहले जेल से ही उसने अपने साथी हटवा निवासी अमित सिंह व अभिषेक सिंह उर्फ हैप्पी के जरिए दुकानदार शंभू मौर्य से पांच लाख रुपये रंगदारी मांगी थी। रुपये न मिलने पर जान से मारने की धमकी दी थी। जून 2020 में सन्नी जमानत पर छूट गया। जेल से छूटने के बाद वह तिहरे हत्याकांड में बरी होने की कवायद में जुट गया। मुकदमा वादी कन्हैया पर सुलह करने का दबाव बनाने लगा।

हत्‍या में चुनावी एंगल भी

जानकारी होने पर रितेश मौर्य ने उसका साथ देने के साथ ही पैरवी शुरू कर दिया। यह बात सन्नी को नागवार गुजरी। पंचायत चुनाव में रितेश के दावेदारी करने पर सन्नी को लगा कि अगर वह चुनाव जीत गया तो और प्रभावशाली हो जाएगा। जिसके बाद उसने हटवा निवासी अपने मित्र वेद प्रकाश सिंह के पोल्ट्रीफार्म पर हत्या की योजना बनाई। योजना बनाने के दौरान हटवा का प्रिंस चंद, वेद प्रकाश, गांव के अमित सिंह, अभिषेक सिंह उर्फ हैप्पी सिंह, खोराबार के डांगीपार निवासी राजू चौधरी, गगहा मेहदियां के विशाल सिंह उर्फ कल्लू और मंझरिया के आकाश यादव मौजूद रहे।

तय योजना के अनुसार सन्नी व युवराज ने 10 मार्च को रितेश मौर्य की हत्या कर दी। 30 मार्च को शंभू को मारने पहुंचे तो संजय ने पहचान लिया। इसलिए उसे दौड़ाकर गाेली मार दी। वारदात के बाद आरोपित राजू चौधरी की स्कार्पियों से फरार हो गए। वहीं स्कार्पियों में राजू के साथ आकाश भी था। एसएसपी ने बताया कि रितेश की हत्या में कल्लू और शंभू व संजय की हत्या में वेदप्रकाश की बाइक का इस्तेमाल हुआ था। शनिवार की गगहा चौराहा के पास वेदप्रकाश, अमित, अभिषेक, राजू चौधरी, विशाल सिंह उर्फ कल्लू, आकाश यादव को गिरफ्तार कर 32 बोर की एक पिस्टल, 315 बोर का दो तमंचा, एक स्कार्पियो, दो बाइक व आठ कारतूस बरामद किया गया।

पीडि़त परिवार को दी गई सुरक्षा

एसएसपी ने बताया कि 2013 में हुए तिहरे हत्याकांड के वादी कन्हैया, गवाहों, पैरवी करने वालों के साथ ही रितेश, शंभू व संजय के स्वजन को सुरक्षा दी गई है।गैंग के सभी सदस्यों पर गैंगस्टर की कार्रवाई होगी। शरणदाता, असलहा मुहैया कराने वालों को चिन्हित किया जा रहा है। सबके खिलाफ कार्रवाई होगी।

अमित व हैप्पी करते थे रेकी

किससे रंगदारी मांगनी है यह अमित और हैप्पी तय करते थे।अपने फोन से सन्नी की संबंधित व्यक्ति से बात कराते थे। शंभू से रंगदारी मांगने में भी दोनों ने सहयोग किया था।हत्या के लिए रेकी भी इन्हीं लोगों ने की।रितेश, शंभू व संजय की हत्या के बाद वेदप्रकाश पुलिस के गतिविधि की जानकारी सन्नी को दे रहा था।

रितेश की हत्या के बाद निशाने पर था सन्नी

रितेश की हत्या के बाद थानेदार व क्राइम ब्रांच की टीम को भनक लग गई थी की इसमें सन्नी का हाथ है। लेकिन पुलिस दूसरे एंगल पर काम करने लगी और सन्नी व उसके साथियों को गिरफ्तार करने की कोशिश नहीं की। चर्चा है कि अगर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया होता और लापरवाही नहीं बरती होती तो शायद शंभू व संजय की जान नहीं जाती।

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